देश / फर्ज़ीवाड़े के आरोप के बाद एनसीबी के वानखेड़े ने सत्यापन के लिए जमा किए जाति के कागज़ात

एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े ने खुद को दलित साबित करने के लिए दिल्ली में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष अपने मूल जाति प्रमाण-पत्र पेश किए हैं। दरअसल, महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि वानखेड़े ने एससी कोटे से आईआरएस की नौकरी पाने के लिए फर्ज़ी प्रमाण-पत्र दिए थे। वानखेड़े मुंबई ड्रग्स मामले के जांच अधिकारी हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 01, 2021, 07:33 PM
नई दिल्ली: ड्रग्स मामले में आर्यन खान को गिरफ्तार करने वाले एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े को अब खुद जगह-जगह चक्कर लगाना पड़ रहा है। दरअसल, महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक द्वारा फर्जी सर्टिफिकेट रखने का आरोप लगाने के बाद वानखेड़े सोमवार को दिल्ली के राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग पहुंचे हैं, जहां उन्होंने वहां मौजूद अधिकारी को अपना दस्तावेज सौंप दिया है। वहीं दस्तावेज सौंपने के बाद उन्होंने कहा कि आयोग ने जो भी तथ्य और दस्तावेज मांगे हैं, उन्हें आज उन्हें उपलब्ध करा दिया गया है। मेरी शिकायत का सत्यापन किया जाएगा और जल्द ही आयोग के अध्यक्ष इस पर जवाब देंगे। 

दस्तावेज वैध पाए गए तो कोई वानखेड़े के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता: विजय सांपला

वहीं इस मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने कहा कि एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों का महाराष्ट्र सरकार द्वारा सत्यापन किया जाएगा। यदि दस्तावेज वैध पाए गए तो कोई उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकता।

ईमानदार अधिकारी पर आरोप लगाना गलत: अरुण हलदर  

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर ने कहा है कि समीर वानखेड़े ने जो काम किया है वह एनसीबी के लिए गर्व की बात है। वानखेड़े ने हमेशा ईमानदारी से काम करने की कोशिश की जिसके चलते वह राजनीतिक तूफान के फंस गए। उन्होंने कहा कि वानखेड़े पर व्यक्तिगत आरोप लगाना गलत है।

वानखेड़े की शादी अंतरधार्मिक विवाह में मान्य: अरुण हलदर

अरुण हलदर रविवार को समीर वानखेड़े के घर पहुंचे थे और जाति से संबंधित प्रमाण पत्र की जांच करने के बाद कहा कि उन्होंने जो कागजात दिखाए उन्हें देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि वह अनुसूचित जाति के महार समाज से संबंध रखते हैं। उन्होंने बताया कि समीर की मां मुस्लिम थी जिनका देहांत हो चुका है और उनकी पहली शादी मुस्लिम महिला से हुई थी जिसका पंजिकरण स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुआ था। अरुण हलदर ने कहा कि यह विवाह अंतरधार्मिक विवाह में मान्य है।