Vikrant Shekhawat : Jun 14, 2023, 05:50 PM
Maharashtra Politics: मेंढक कितना भी फूले हाथी नहीं बन सकता. यह बात आज (14 जून, बुधवार) बीजेपी विधायक अनिल बोंडे ने सीधे एकनाथ शिंदे पर हमले करते हुए कही. इसका मतलब कोई भी यह निकाल सकता है कि, 40 विधायकों वाले नेता को अगर सीएम की कुर्सी मिल जाए तो वो 105 विधायकों के समर्थन वाले देवेंद्र फडणवीस की बराबरी नहीं कर सकते. इसका जवाब शिंदे गुट की ओर से विधायक संजय गायकवाड़ ने यह कह कर दिया है कि, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की ऊंगली पकड़ कर बीजेपी ने अपनी हैसियत बनाई, वरना महाराष्ट्र में वो आज कहीं नहीं होती.यानी साफ है कि कल जो शिंदे गुट की शिवसेना के नाम पर विज्ञापन जारी हुआ और उससे जो तल्खी पैदा हुई, वो नए विज्ञापन में भूल सुधार किए जाने के बाद भी कम नहीं हुई. अनिल बोंडे ने बीजेपी की ओर से यह भी कहा है कि महाराष्ट्र ठाणे तक (शिंदे का गढ़) ही सीमित नहीं है. महाराष्ट्र बहुत बड़ा है. इस पर शिंदे गुट के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि शिंदे सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं, देश के भी नेता हैं. जिस नेता के पीछे पचास विधायक और तेरह सांसद बिना आगे-पीछे की परवाह किए आ गए, वे कितने बड़े नेता हैं, यह समझा जा सकता है. उन्होंने जो क्रांति की, वो पूरे देश ने देखा. शंभूराज देसाई ने बीजेपी नेताओं को यह भी सलाह दी है कि वे विज्ञापन पर ज्यादा कंसंट्रेट न करें और विवादों को भुलाकर आगे बढ़ें. उन्होंने यह कह कर भी डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की कि कल का विज्ञापन किसी शुभचिंतक ने जारी किया था. वह शिवसेना का अधिकृत विज्ञापन नहीं था.आज के विज्ञापन में आया मोड़, कल के ट्रोल के बाद आज डैमेज कंट्रोलकल और आज शिंदे गुट की शिवसेना के विज्ञापन में बड़ा फर्क आया है. कल के विज्ञापन में यह बताया गया था कि, ‘राष्ट्र में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे.’ कल के विज्ञापन में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सीएम एकनाथ शिंदे की तस्वीर थी. देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर गायब थी. जख्मों पर नमक के साथ मिर्ची इस तरह लगाई गई थी कि शिंदे की तुलना फडणवीस से की गई थी. सीएम को 26.1 फीसदी जनता की और फडणवीस को 23.2 फीसदी जनता की पसंद बताया गया.शिंदे की शिवसेना का सुधार कर आया ADs, फडणवीस का फोटो किया गया ADDआज जो शिंदे की शिवसेना का विज्ञापन आया है उसमें ‘राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे’ की बजाए ‘जनता के चरणों में माथा, गरजे महाराष्ट्र माझा (मेरा)’ शीर्षक लिखा गया है. आज के विज्ञापन में देवेंद्र फडणवीस की भी तस्वीर लगी है. इतना ही नहीं शिंदे फडणवीस आज पोस्टरों में नीचे उतर आए हैं. वे फडणवीस के साथ हाथों में हाथ लिए नजर आए हैं.सीएम शिंदे ऊपर से नीचे उतर आए, फोटो में फडणवीस के साथ नजर आएआज सीएम शिंदे ऊपर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ नहीं दिख रहे हैं. पीएम मोदी के साथ अमित शाह की तस्वीर है. और हां, आज के विज्ञापन में बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की भी तस्वीर है. कल ठाकरे गुट के संजय राउत ने यह सवाल उठाया था कि, एकनाथ शिंदे अपने गुट को बालासाहेब ठाकरे की असली शिवसेना बताते हैं, जबकि उनके विज्ञापन में बालासाहेब की तस्वीर गायब है. उनके गुरु आनंद दिघे की तस्वीर भी गायब है. इसका मतलब यह कि शिंदे सेना बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना नहीं, मोदी-शाह की ‘शव सेना’ है.फडणवीस ने कल दौरे से बनाई दूरी, आज भी शिंदे के साथ दिखी नहीं मौजूदगीइस बीच देवेंद्र फडणवीस क्या कर रहे हैं? कल फडणवीस कैबिनेट मीटिंग के बाद इस मुद्दे पर सवाल पूछे जाने पर हाथ जोड़ कर हंसते हुए चल दिए थे. सीएम एकनाथ शिंदे के साथ कोल्हापुर दौरा रद्द किया था. शिंदे गुट की ओर से कहा गया था कि फडणवीस के कान में तकलीफ होने की वजह से कार्यक्रम रद्द किया गया है. आज भी फडणवीस का शिंदे के साथ कोई कार्यक्रम नहीं है. हालांकि उप मुख्यमंत्री के ऑफिस से यही कहा गया है कि इसका कोई अलग मतलब न निकाला जाए.इस बीच तरह-तरह की बयानबाजियां शुरू हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि शिंदे-फडणवीस की तुलना अचंभित करने वाला था. ऐसे कामों से ठेस लगती है. दूसरी तरफ शिंदे गुट के मंत्री शंभूराज देसाई बीजेपी के बावनकुले और प्रवीण दरेकर जैसे नेताओं से बात कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिशों में लगे हुए हैं. दोनों गुटों की ओर से एक समन्वय समिति बनाने का सुझाव दे रहे हैं, जिसके जरिए दोनों गुटों से वरिष्ठ नेता मिलकर मतभेद हल किया करेंगे. बीजेपी विधायक नितेश राणे कह रहे हैं कि बीजेपी और शिंदे सेना के गठबंधन के अंदर कौन संजय राउत घुस गया है. उसे खोज कर निकालो. सीएम एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे दिल्ली में हैं. क्यों गए हैं? क्या निर्देश लेने गए हैं? राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू है.