जयपुर / उत्तर पश्चिम रेलवे चलाएगा 20 निजी ट्रेनें! सामने आया यह मेगा प्लान, देखें सूची

जयपुर देशभर में ट्रेनों के निजीकरण को लेकर बहस छिड़ी है रेल मंत्रालय की तरफ से भी साफ हो गया है कि देशभर में अलग-अलग ज़ोन में निजी ट्रेनें चलाई जाएंगी, लेकिन किस जोन के हिस्से में कितनी ट्रेनें आएंगी ये अभी साफ नहीं हुआ है उत्तर पश्चिम रेलवे जोन भी फिलहाल कुछ बोलना नहीं चाह रहा है लेकिन, संभावित ट्रेनों की सूची का आंकड़ा सामने आया है इसके तहत NWR में लगभग 20 ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है

Vikrant Shekhawat : Jul 06, 2020, 10:01 PM

जयपुर. देशभर में ट्रेनों के निजीकरण (Privatization of Trains) को लेकर बहस छिड़ी है. रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) की तरफ से भी साफ हो गया है कि देशभर में अलग-अलग ज़ोन में निजी ट्रेनें चलाई जाएंगी, लेकिन किस जोन के हिस्से में कितनी ट्रेनें आएंगी ये अभी साफ नहीं हुआ है. उत्तर पश्चिम रेलवे जोन भी फिलहाल कुछ बोलना नहीं चाह रहा है. लेकिन, संभावित ट्रेनों की सूची का आंकड़ा सामने आया है. इसके तहत NWR में लगभग 20 ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है.


सूत्रों की मानें तो देशभर में 200 से ऊपर निजी ट्रेनें चलाए जाने का प्रस्ताव है. सभी ट्रेनें वर्ष 2023 तक चलने की संभावना जताई जा रही है. लॉकडाउन से पहले ये चर्चा जोरों पर थी, लेकिन कोविड-19 के दौरान ट्रेनों के निजीकरण का मुद्दा लगभग गौण हो गया. अब एक बार फिर से ट्रेनों के निजीकरण को लेकर बहस गरमाई हुई है. हालांकि, NWR सीधे तौर पर तो ट्रेनों की सूची के बारे में बात नहीं कर रहा, लेकिन सूत्रों के अनुसार NWR के चारों मंडल से चलाई जाने वाली निजी ट्रेनों की संभावित सूची तैयार कर ली गई है.


इन मार्गों पर निजी ट्रेनें चलने की संभावना जतायी जा रही है:

1. अजमेर-मुंबई 17.50 घंटे 15.15 घंटे

2. जयपुर-मुंबई 17.55 घंटे 15.35 घंटे

3. अजमेर-दिल्ली 8.00 घंटे 6.25 घंटे

4. जयपुर-बेंगलुरू 44.00 घंटे 44.00 घंटे

5. जयपुर-जैसलमेर 12.30 घंटे 11.50 घंटे

6. जयपुर-वैष्णोदेवी 24.25 घंटे 17.15 घंटे

7. कोटा-अजमेर 7.00 घंटे 6.10 घंटे

8. जोधपुर-चेन्नई 43.40 घंटे 41.15 घंटे

9. जोधपुर-साबरमती 8.55 घंटे 8.40 घंटे

10. जोधपुर-दिल्ली 10.55 घंटे 10.30 घंटे


ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई जाएगी

10 ट्रेनों का ये रूट अप-डाउन मिलाकर 20 रेल सेवाओं में तब्दील हो जाएगा. ये शिड्यूल संभावित है और समय आने पर इसे घटाया या बढ़ाया जा सकता है. निजीकरण के बाद ट्रेनों की स्पीड को भी वर्तमान के मुकाबले बढ़ाया जाएगा. इससे ट्रेनों के पहुंचने के समय में भी तेजी आएगी. निजी ऑपरेटर शुल्क में इजाफा करेंगे. इसके तहत फ्लाइट की तर्ज पर लगेज या बैगेज में अतिरिक्त भार होने पर अतिरिक्त शुल्क देना होगा.


सुविधाओं में च्वाइस भी दी जाएगी

इसके अलावा ट्रेन में मिलने वाली सुविधाओं में च्वाइस भी दी जाएगी. जैसी सुविधा वैसा शुल्क. निजी ट्रेनों के टिकट के दामों में भी इजाफा होने की संभावना है. हालांकि इसका दूसरा पहलू देखा जाए तो रिजर्वेशन आसानी से मिल सकेगा और ज्यादा पैसे लगने पर सुविधाएं भी उसी हिसाब से मिलेंगी. इसके कारण रेलयात्री को गंतव्य स्थान तक पहुंचने में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.