महाराष्ट्र / एससी ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाई, जांच में शामिल होने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि उन्हें सीबीआई के सामने पेश होकर जांच में सहयोग करना होगा। वहीं, सिंह ने कोर्ट को बताया कि वह देश छोड़कर नहीं गए हैं और 48 घंटे के अंदर सीबीआई के समक्ष पेश हो सकते हैं।

Vikrant Shekhawat : Nov 22, 2021, 02:56 PM
मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व परमबीर सिंह देश से भागे नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को परमबीर सिंह के वकील ने यह जानकारी दी। वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि परमबीर सिंह भारत में ही हैं और मुंबई पुलिस से जान का खतरा होने की वजह से वह सामने नहीं आ रहे हैं। वकील ने कोर्ट को बताया कि परमबीर 48 घंटे के भीतर किसी भी CBI अधिकारी या कोर्ट के सामने पेश होने को तैयार हैं। शीर्ष न्यायालय ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर के लिए तय की है। 

वकील पुनीत बाली ने कोर्ट को बताया कि परमबीर सिंह से उनकी बात हुई है। हालांकि, वकील की दलील पर कोर्ट ने हैरानी जताई कि पूर्व पुलिस कमिश्नर ऐसा कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में अब अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता जांच में हिस्सा ले। परमबीर सिंह के खिलाफ 6 एफआईआर दर्ज हैं। इन सभी मामलों में फिलहाल कोर्ट ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

बता दें कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर कई आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह ने कहा था कि देशमुख ने उनसे मुंबई के रेस्तरां और दुकानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही किए जाने का आदेश दिया था।

परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनसे उनका ठिकाना पूछा था। कोर्ट ने कहा था कि जब तक हम यह नहीं जान लेते हैं कि आप कहां हो, तब तक सुरक्षा नहीं देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार परमबीर सिंह से अपने ठिकाने का खुलासा करने को कहा था। परम बीर सिंह बीते कुछ समय से अंडरग्राउंड हैं। उनका पता ना तो पुलिस के पास है और ना ही कोर्ट के पास और ना ही जांच कर रही एजेंसियों के पास।

परमबीर सिंह को आखिरी बार इस साल मई में अपने कार्यालय में देखा गया था, जिसके बाद वह छुट्टी पर चले गए थे। राज्य की पुलिस ने पिछले महीने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया था कि उनके ठिकाने का पता नहीं है।