देश / स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं हैं: दिल्ली में प्रदूषण के बीच एससी से केंद्र

केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुनवाई से पहले हलफनामा दायर कर सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह अपने स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं है क्योंकि इससे ज़्यादा लाभ नहीं होगा। हालांकि, केंद्र ने कहा कि वाहनों की संख्या घटाने के लिए कर्मचारियों को कारपूलिंग की सलाह दी गई है।

Vikrant Shekhawat : Nov 17, 2021, 11:42 AM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों से घर से काम करवाने यानी वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आज इस बारे में जानकारी दी है। केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि हाल के दिनों में कोरोना महामारी की वजह से सरकारी कामकाज बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि उसने अपने कर्मचारियों को 'कारपूलिंग' जैसी सुविधाओं को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा था कि वे कम-से-कम एक हफ्ते के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करें। इसके जवाब में केंद्र ने कहा है वर्क फ्रॉम होम से प्रदूषण के स्तर पर कोई खास असर नहीं होगा।

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैक्टरी, परिवहन, धूल और कुछ हद तक पराली जलाने को भी प्रदूषण की सबसे बड़ी वजहों में शामिल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को तत्काल कदम उठाने के निर्देश भी दिए थे।

पराली जलाने को लेकर निशाने पर आई पंजाब सरकार ने भी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें केंद्र से आर्थिक सहायता की जरूरत है। कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा, 'पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं लेकिन हमारी आर्थिक सीमाएं हैं। हमें पराली जलाने वाली समस्या को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की जरूरत है। हम किसानों के लिए एमएसपी से अलग 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह अभी तक नहीं मिला है।' 

बता दें कि बीती रात, एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट कमिशन ने कहा थआ कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में अगले आदेश तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। बता दें कि दिवाली के बाद से दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के बाद ये कदम उठाए जा रहे हैं।