कारोबार / अब भारत के पास भी होगी खुद की फूड टेस्टिंग किट, 30 किट बनाने का दिया निर्देश

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के पास मौजूदा वक्त खाने की क्वालिटी जांचने की टेस्टिंग किट नहीं है। हालांकि अब एफएसएसएआई ने इस मामले में संजीदगी दिखाते हुए 20 करोड़ रुपए की लागत से 30 स्वदेशी फूड टेस्टिंग किट बनाने का निर्देश दिया है।एफएसएसएआई की मानें, तो इससे देश के फूड टेस्टिंग ईकोसिस्टम सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

Dainik Bhaskar : Jan 02, 2020, 04:20 PM
नई दिल्ली. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के पास मौजूदा वक्त खाने की क्वालिटी जांचने की टेस्टिंग किट नहीं है। हालांकि अब एफएसएसएआई ने इस मामले में संजीदगी दिखाते हुए 20 करोड़ रुपए की लागत से 30 स्वदेशी फूड टेस्टिंग किट बनाने का निर्देश दिया है।एफएसएसएआई की मानें, तो इससे देश के फूड टेस्टिंग ईकोसिस्टम सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

भारत के पास खुद की फूड टेस्टिंग किट नहीं

मौजूदा वक्त में एफएसएसएआई के पास 30 में से केवल 2 ही भारत निर्मित फूड टेस्टिंग किट हैं, जिसकी संख्या तेजी से बढ़ाए जाएगी। एफएसएसएआई के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर पवन अग्रवाल की मानें, तो भारत में अकेले ऐसी डिवाइस बनाने का कारोबार करीब 1000 करोड़ रुपए का है। इन डिवाइस का इस्तेमाल क्वालिटी कंट्रोल और इंटरनल फूल क्वालिटी जांचने में मदद मिलेगी। एफएसएसआईए का मानना है कि इस तरह की डिवाइस से खाने की जांच के परिणाम जल्द मिल सकेंगे। राज्य सरकार इस तरह की डिवाइस को ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्ट से खरीद सकेंगे। यह डिवाइस विदेश से आने वाली फूड टेस्टिंग किट के मुकाबले सस्ती होंगी। साथ ही बेहतर परिणाम मिलेंगे। जीईएम पोर्टल पर इन डिवाइस की आसान मौजूदगी के लिए सरकार 5 करोड़ रुपए खर्च करेगी।

फूड सेफ्टी के मामले में भारत के 10 राज्यों की हालात सबसे खराब

भारत के 10 राज्यों में खाने की क्वालिटी जांचने के इक्यूपमेंट नहीं है साथ ही वहां स्टॉफ की भारी कमी है। फूड सेफ्टी के मामले में छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, असम, झारखंड, उड़ीसा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और उत्तराखंड की सबसे खराब हालात है।