देश / बालाकोट हमले के अगले ही दिन पाकिस्तानी सेना पर अटैक को तैयार थे हम- पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ

धनोआ ने कहा, 'बालाकोट का संदेश पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में आतंकवादी हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी, जो प्रभावी रूप से बता दिया गया है। कुछ ‘मूर्खतापूर्ण गलतियां’ हुई हैं, जिसके लिए उपाय किए गए हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा। धनोआ ने कहा कि 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की।

News18 : Dec 15, 2019, 12:38 PM
चंडीगढ़ | भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ (BS Dhanoa) ने कहा है कि बालाकोट हवाई हमला (Balakot air strike) पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में किसी भी आतंकवादी हमले की 'कीमत चुकानी पड़ेगी' और पड़ोसी मुल्क को प्रभावी तरीके से यह संदेश समझा दिया गया है। पंजाब सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सैन्य साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन 'अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट' पर चर्चा के दौरान पूर्व वायु सेना अध्यक्ष बोल रहे थे।

धनोआ ने कहा, 'बालाकोट का संदेश पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों एवं आतंकवादी संगठनों को यह बताने के लिए था कि भारत में आतंकवादी हमले की कीमत चुकानी पड़ेगी, जो प्रभावी रूप से बता दिया गया है। हमारी तरफ से।।। कुछ ‘मूर्खतापूर्ण गलतियां’ हुई हैं, जिसके लिए उपाय किए गए हैं और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा। हम 27 फरवरी (जब पाकिस्तान वायु सेना ने बालाकोट हमले के एक दिन बाद जवाबी कार्रवाई की) को पीएएफ (पाकिस्तान वायु सेना) के खिलाफ महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं कर सके।'

धनोआ ने कहा कि '27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश की। इसके बाद ही पाकिस्तान की सेना हमारे निशाने पर थी। हम उनके खिलाफ हमले के लिए तैयार थे। उन्होंने बताया कि वायुसेना के निशाने पर सिर्फ सीमा से सटे पाकिस्तानी ठिकाने ही नहीं बल्कि अन्य ब्रिगेड इलाके भी थे।'

POK में आतंकवादियों के लांच पैड को ध्वस्त किया

धनोआ ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार ने जिस प्रकार बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमलों का जवाब दिया है वह अपने आप में एक मिसाल है। उन्होंने इशारा किया कि मुंबई में 1993 में हुए बम धमाकों एवं 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मद्देनजर भारत की तरफ से कोई सैन्य कार्रवाई नहीं हुई। वायुसेना प्रमुख के पद से 30 सितंबर रिटायर होने वाले धनोआ ने कहा, 'उरी में 2016 में हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना पहली बार जवाब दिया और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लांच पैड को ध्वस्त किया।'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को संदेश मिल गया कि नयी सरकार अपनी धरती पर होने वाले बड़े आतंकवादी हमले का जवाब सैन्य तरीके से देगी। धनोआ ने कहा कि इस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों में इस बात का डर बैठ गया कि इसका बदला लिया जाएगा। इस हमले में 40 लोग मारे गए थे।

केवल दो प्रश्न थे - कब और कहां इसका बदला लिया जाएगाउन्होंने कहा, 'केवल दो प्रश्न थे - कब और कहां इसका बदला लिया जाएगा।' पूर्व एयर चीफ मार्शल ने बताया कि बालाकोट स्थित आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाने का निर्णय किया गया क्योंकि पुलवामा हमले के पीछे इसी आतंकवादी संगठन का हाथ था।