Zee News : Aug 25, 2020, 03:26 PM
नई दिल्ली: भारत (India) विरोध में पाकिस्तान (Pakistan) किसी भी हद तक गिर सकता है। पाकिस्तान ने सोमवार को दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में उसके स्थायी प्रतिनिधि ने भारत के खिलाफ जोरदार ढंग से अपनी बात रखी, लेकिन उसका यह दावा कोरा झूठ साबित हुआ है।
भारत ने पाकिस्तान के इस झूठ की कलई खोलकर रख दी है। नई दिल्ली ने इमरान खान सरकार के रुख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह समझना मुश्किल है कि आखिर पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने अपना बयान कहां दिया, क्योंकि सुरक्षा परिषद सत्र गैर-सदस्यों के लिए खुला ही नहीं था।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी मिशन ने एक ट्वीट करके बताया था कि UN में उसके स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम (Munir Akram) ने सुरक्षा परिषद की खुली बहस में ‘आतंकवादियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा’ विषय पर जोरदार ढंग से अपनी बात रखी। जबकि UN के लिए जर्मन मिशन ने बैठक की जो तस्वीर पोस्ट की, उसमें पाकिस्तानी दूत नदारद थे। जर्मनी यूएनएससी का गैर स्थायी सदस्य है।संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने पाकिस्तान के इस झूठ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमने यूएनएससी में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि द्वारा की गई टिप्पणी संबंधी दावे को देखा। हमारे लिए यह समझना मुश्किल है कि आखिर यह टिप्पणी कहां की गई। क्योंकि सुरक्षा परिषद का सत्र आज गैर-सदस्यों के लिए खुला ही नहीं था’। पाक मिशन की तरफ से कहा गया था कि मुनीर अकरम ने कश्मीर के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया और कुलभूषण जाधव का उल्लेख करते हुए UN को यह बताने का प्रयास किया की भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।भारतीय मिशन ने पाकिस्तान के झूठ का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है। वहां तमाम आतंकी आराम से जिंदगी बसर कर रहे हैं और UN भी यह मानता है। नई दिल्ली ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिए गए उस बयान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान में 40,000-50,000 आतंकवादियों की मौजूदगी की बात स्वीकारी थी और देश की संसद में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था। भारतीय मिशन ने अल्पसंख्यकों की बदतर स्थिति को लेकर भी पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया। उसने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी घटकर मात्र 3% रह गई है।
भारत ने पाकिस्तान के इस झूठ की कलई खोलकर रख दी है। नई दिल्ली ने इमरान खान सरकार के रुख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह समझना मुश्किल है कि आखिर पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि ने अपना बयान कहां दिया, क्योंकि सुरक्षा परिषद सत्र गैर-सदस्यों के लिए खुला ही नहीं था।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी मिशन ने एक ट्वीट करके बताया था कि UN में उसके स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम (Munir Akram) ने सुरक्षा परिषद की खुली बहस में ‘आतंकवादियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा’ विषय पर जोरदार ढंग से अपनी बात रखी। जबकि UN के लिए जर्मन मिशन ने बैठक की जो तस्वीर पोस्ट की, उसमें पाकिस्तानी दूत नदारद थे। जर्मनी यूएनएससी का गैर स्थायी सदस्य है।संयुक्त राष्ट्र में भारतीय मिशन ने पाकिस्तान के इस झूठ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हमने यूएनएससी में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि द्वारा की गई टिप्पणी संबंधी दावे को देखा। हमारे लिए यह समझना मुश्किल है कि आखिर यह टिप्पणी कहां की गई। क्योंकि सुरक्षा परिषद का सत्र आज गैर-सदस्यों के लिए खुला ही नहीं था’। पाक मिशन की तरफ से कहा गया था कि मुनीर अकरम ने कश्मीर के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया और कुलभूषण जाधव का उल्लेख करते हुए UN को यह बताने का प्रयास किया की भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।भारतीय मिशन ने पाकिस्तान के झूठ का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ है। वहां तमाम आतंकी आराम से जिंदगी बसर कर रहे हैं और UN भी यह मानता है। नई दिल्ली ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दिए गए उस बयान को भी दोहराया, जिसमें उन्होंने2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान में 40,000-50,000 आतंकवादियों की मौजूदगी की बात स्वीकारी थी और देश की संसद में अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को शहीद बताया था। भारतीय मिशन ने अल्पसंख्यकों की बदतर स्थिति को लेकर भी पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया। उसने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी घटकर मात्र 3% रह गई है।