देश / PM केअर्स को पहले 5 दिन में मिले 3,076 करोड़, बाकी हिसाब मार्च के बाद

पीएम केअर्स फंड के द्वारा भुगतान और इसमें जमा के वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पहले ऑडिट रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। कोरोना संकट से निपटने के लिए इस फंड की स्थापना 27 मार्च को 2.25 लाख रुपये के शुरुआती फंड से की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार इस फंड को देश के लोगों ने अपनी स्वेच्छा से 31 मार्च 2020 तक यानी पहले पांच दिन में ही 3,075.8 करोड़ रुपये दिये थे।

AajTak : Sep 02, 2020, 04:02 PM
Delhi: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने PM केअर्स फंड के बारे में जानकारी सार्वजनिक की है। इसके मुताबिक इस फंड के गठन के बाद पहले पांच दिन में ही इसमें 3,076 करोड़ रुपये जमा हो गये थे। पीएम केअर्स फंड के द्वारा भुगतान और इसमें जमा के वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पहले ऑडिट रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। कोरोना संकट से निपटने के लिए इस फंड की स्थापना 27 मार्च को 2.25 लाख रुपये के शुरुआती फंड से की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार इस फंड को देश के लोगों ने अपनी स्वेच्छा से 31 मार्च 2020 तक यानी पहले पांच दिन में ही 3,075.8 करोड़ रुपये दिये थे।

हालांकि यह रिपोर्ट 27 मार्च से 31 मार्च के पांच दिनों के लिए है और उसके बाद की रिपोर्ट इस वित्त वर्ष के खत्म होने के बाद यानी अप्रैल 2021 में या उसके बाद आ सकती है। हालांकि इसमें यह जानकारी नहीं दी गई कि किस व्यक्ति ने कितनी रकम दी है।



​इतना मिला विदेशी चंदा 

रिपोर्ट के अनुसार केअर्स फंड में 31 मार्च तक 39।6 लाख रुपये का विदेशी चंदा भी मिला था। यही नहीं पहले पांच दिन में घरेलू दान से 35।3 लाख रुपये और विदेशी दान से 575 रुपये का ब्याज भी​ मिला था। इस तरह विदेशी दान पर सर्विस टैक्स काटने के बाद पीएम केअर्स फंड कुल 3,076।6 करोड़ रुपये का हो गया। 

इस फर्म ने की ऑडिटिंग  

पीएम केअर्स फंड की ऑडिटिंग SARC ऐंड एसोसिएट चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ने की है और इस पर पीएमओ के चार अधिकारियों ने भी दस्तखत किये हैं। दस्तखत करने वाले अधिकारियों में सचिव श्रीकर के परदेश, उप सचिव हार्दिक शाह, अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, सेक्शन ऑफिसर प्रवेश कुमार शामिल हैं। 

गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी सहित विपक्षी दल पीएम केअर्स फंड की पादर्शिता को लेकर ही इसकी आलोचना करते रहे हैं। उनका कहना था कि जब आपदा के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष बना ही है तो फिर एक नया फंड बनाने की क्या जरूरत है।