Rahul Gandhi Defamation Case / राहुल को सजा या राहत? आज आएगा गुजरात HC का मानहानि केस में फैसला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर चल रहे मानहानि केस के मामले में आज गुजरात हाई कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है. इस दौरान सभी की निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हुईं हैं, क्योंकि दो निचली अदालतों से इस केस में राहुल को राहत नहीं मिली है. दरअसल सूरत में मजिस्ट्रेट अदालत में राहुल को मानहानि के मामले 2 साल की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद उनकी संसदीय सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी.

Vikrant Shekhawat : Jul 07, 2023, 07:22 AM
Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर चल रहे मानहानि केस के मामले में आज गुजरात हाई कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है. इस दौरान सभी की निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हुईं हैं, क्योंकि दो निचली अदालतों से इस केस में राहुल को राहत नहीं मिली है. दरअसल सूरत में मजिस्ट्रेट अदालत में राहुल को मानहानि के मामले 2 साल की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद उनकी संसदीय सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी.

गुजरात के विधायक पुरुनेश मोदी ने राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा थोपा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने कर्नाटक में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर गलत बयान दिया था. इसकी वजह से यह सभी मोदी सरनेम वालों का अपमान है. इस केस में सुनवाई करते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद राहुल गांधी ने एडिशनल सेशन कोर्ट में अपील की थी.

2 निचली अदालतों ने दी सजा

हालांकि राहुल गांधी को एडिशनल कोर्ट से भी कोई राहुत नहीं मिली थी. एडिशनल सेशन कोर्ट ने भी राहुल गांधी की सजा को बरकरार रखा था. इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट का रुख किया था. इस मामले में कोर्ट ने 7 जुलाई को फैसला सुनाने को कहा है.

दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी कर्नाटक में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने भारत में बड़े-बड़े स्कैम करने के बाद विदेश भाग गए लोगों और पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने कहा था कि ‘आखिर सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे है?’ यह पूरा बवाल इसी बयान पर हुआ है.

सजा पर गई थी सांसदी

राहुल गांधी को जब निचली अदालत ने 2 साल कैद की सजा सुनाई थी तो सचिवालय ने उन्हें नोटिस भेजकर उनकी सांसदी खत्म कर दी थी. इसका कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया था. उन्होंने इस पूरे मामले बीजेपी का हाथ बताया था. इतना ही नहीं राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने के बाद उन्हें सरकारी बंगला भी खाली करने को कहा गया था जिसके बाद उन्हें तय समय में सरकारी बंगला खाली कर दिया था.