RBI / आरबीआई ने लगातार 5वीं बार रेपो रेट को 4% के निम्नतम स्तर पर बरकरार रखा

आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने बुधवार को रेपो रेट 4% के निम्नतम स्तर पर बरकरार रखने का फैसला किया। मार्च 2020 में 75 बेसिस पॉइंट घटाकर और मई 2020 में 40 बेसिस पॉइंट घटाकर रेपो रेट को 4% कर दिया गया था। मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने लगातार पांचवी बार रेपो रेट को 4% पर बरकरार रखा है।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज घोषणा करते हुए कहा कि रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्रमश: 4 फीसदी और 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को बनाए रखने और मुद्रास्फिति दर लक्ष्य के मुताबिक बनाए रखने का टारगेट है। आरबीआई ने लगातार पांचवीं बार रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया। 

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति तीन दिनों तक चली और समीक्षा बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की। इसके पहले हुई 5 फरवरी की बैठक के बाद आरबीआई ने महंगाई की चिंताओं का जिक्र करते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था सरकार की तरफ से आरबीआई को खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है।

मौजूदा समय में रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रखी गई। फरवरी 2020 के बाद से रेपो रेट में अब तक 1.15 फीसदी की कटौती देखी जा चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना मामले फिर से बढ़ने के चलते देश भर में लग रहे प्रतिबंधों से औद्योगिक उत्पादन की बढ़ती रफ्तार पर एक बार फिर से सुस्ती छा सकती है। ऐसे में रिजर्व बैंक हालात पर कुछ दिनों तक और नजर बनाए रखेगा ताकि बदलाव का व्यापक असर हो सके।