राजस्थान / राज्य सरकार ने कोरोना रोकथाम की प्रभावी व्यवस्थाएं नहीं की, मोदी के नेतृत्व में शानदार काम : सतीश पूनिया

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा है कि सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने एवं कोरोना प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने पर ध्यान नहीं दिया। फिर हमने फरवरी और मार्च में भी सरकार से निवेदन कर कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के लिए निवेदन किया था। इसको लेकर सदन में भी चर्चा हुई थी, लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर गम्भीरता ना दिखाते हुए कोई प्रयास नहीं किये।

Vikrant Shekhawat : Jul 07, 2020, 10:09 PM
जयपुर | भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां (BJP Rajasthan President Satish Poonia) ने कहा है कि  सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने एवं कोरोना प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने पर ध्यान नहीं दिया। फिर हमने फरवरी और मार्च में भी सरकार से निवेदन कर कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के लिए निवेदन किया था। इसको लेकर सदन में भी चर्चा हुई थी, लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर गम्भीरता ना दिखाते हुए कोई प्रयास नहीं किये। 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां को पाली जिले के सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक जोराराम कुमावत की बीमारी का जैसे ही पता चला तो उन्होंने तत्काल उनके बेटे से फोन पर बात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और उन्होंने जोधपुर एम्स के अधीक्षक डाॅ. अरविन्द सिन्हा से फोन पर बात कर विधायक जोराराम कुमावत का अच्छे से देखभाल करने का निवेदन किया। इस पर डाॅ. अरविन्द सिन्हा और उनकी टीम ने डाॅ. पूनियां को पूरा विश्वास दिलाया कि विधायक जी का अच्छे से ईलाज किया जा रहा है और देखभाल की जा रही है। इस पर डाॅ. पूनियां ने एम्स के अधीक्षक और उनकी पूरी टीम का आभार जताया है। 

डाॅ. पूनियां ने सेवारत नर्सिंगकर्मी के माध्यम से तीन दिन पूर्व भी वीडियो काॅलिंग से विधायक जोराराम से बात कर उनका मनोबल बढ़ाया और कहा कि पूरा प्रदेश भाजपा परिवार आपके साथ है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने भी विधायक जोराराम कुमावत के परिजनों से बातचीत कर उनकी कुशलक्षेम पूछी।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि कोरोना महामारी को लेकर मैंने जनवरी में ट्वीट कर राज्य सरकार को आगाह किया था लेकिन सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर करने एवं कोरोना प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने पर ध्यान नहीं दिया था। फिर हमने फरवरी और मार्च में भी सरकार से निवेदन कर कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने के लिए निवेदन किया था। इसको लेकर सदन में भी चर्चा हुई थी, लेकिन सरकार ने अपने स्तर पर गम्भीरता ना दिखाते हुए कोई प्रयास नहीं किये। 

डाॅ. पूनियां ने कहा कि लोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता, स्थानीय प्रशासन,  चिकित्साकर्मीयों द्वारा किये गये प्रयासों एवं जनभागीदारी से बच सके। उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भीलवाड़ा माॅडल के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश करती है, भीलवाड़ा में जो प्रबंधन हुआ उसमें वहाँ के प्रशासन, चिकित्साकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों एवं सफाईकर्मियों की प्रमुख भूमिका रही। झूठी वाह-वाही लूटने वाली इस सरकार की भूमिका वहाँ कुछ नहीं रही। कोटा, जोधपुर की नाकामयाबी को अपने सिर पर लेकर सरकार ईमानदारी दिखाने का साहस करे।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रवासियों का जब माइग्रेशन हुआ, तो प्रवासियों के आने के साथ उनकी स्क्रीनिंग और जागरूकता के लिए जमीनी स्तर पर सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई। वहीं आमजन के लिए भी सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक कोशिश नहीं की गई। अब वापस रिवर्स माइग्रेशन शुरू हुआ है, वहीं ग्रामीण स्तर पर लोगों ने गाँवों में ‘‘ग्राम रक्षा समिति’’ बनाई, जो वहाँ के आमजन में जागरूकता के लिए काम कर सुध ले रही हैं। 

डाॅ. पूनियां ने कहा कि सरकार आमजन में जागरूकता और आँकड़ों को लेकर कुछ भी दावे करे, लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी कोरोना के मामले में सरकार की तरफ से जनता को जागरूक करने और किसी भी तरीके से इनिशिएटिव की कोई पहल नहीं की गई। 

कानून व्यवस्था को लेकर डाॅ. पूनियां ने कहा कि विगत 2 सालों में प्रदेश में लाखों केस दर्ज हुए हैं, जिनमें से कई हजार केसों में कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मेवात इलाके में संगीन अपराध बढ़ते जा रहे हैं, विशेषकर हिन्दू परिवारों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं लेकिन राज्य सरकार अपराधों पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रही है। 

डाॅ. पूनियां ने कहा कि प्रदेश में गैंगरेप की वारदातें दिनों-दिन बढ़ रही है। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कि गृहमंत्री भी हैं ऐसी वारदातों पर लगाम लगाने में असफल साबित हो रहे है। 

डाॅ. पूनियां ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मजबूत एवं कुशल नेतृत्व में देश के आमजन को कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सम्बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कोरोना का शानदार प्रबंधन है एवं बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं से कोरोना पर काबू पाया जा रहा है। मोदी जी के बेहतरीन कोरोना प्रबंधन की दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है और इसी प्रबंधन की बदौलत भारत विश्व स्वास्थ्य संगठन का कार्यकारी अध्यक्ष बना। 

उन्होंने कहा कि भारत मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि पीपीई किट और वेन्टीलेटर का तेजी से देश में बड़े स्तर पर निर्माण हो रहा है। 

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को आरक्षण देने पर डाॅ. पूनियां ने कहा कि निजी क्षेत्र में रोजगार में प्राथमिकता देने के लिए यह पुरानी मांग है। किसी भी उद्योग-धंधे में वहाँ के स्थानीय लोगों को ज्यादा रोजगार मिले और यह उचित मांग है। राज्य सरकार को इस पर गम्भीरता से ध्यान देने की जरूरत है। 

हनुमानगढ़ के पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में एक दलित दिव्यांग व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची से षडयंत्र के तहत हटाये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 15 लाख आवास स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 9 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मिशन है कि सबको घर मिले, लेकिन कांग्रेस के राज में षडयंत्र के तहत दिव्यांग दलित व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण है, जो वर्तमान में खुले आसमान में रहने को मजबूतर है। हनुमानगढ़ भाजपा परिवार ने दिव्यांग परिवार की सुध लेते हुए उनके बच्चों का पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का जिम्मा लिया है और उनकी बेटी की शादी का खर्चा उठाने एवं उनके लिए पक्का घर बनवाने की जिम्मेदारी ली है। 

कोटा जिले के सांगोद विधानसभा क्षेत्र में शहीद हेमराज मीणा की मूर्ति लगाने में देरी होने एवं स्थानीय विधायक द्वारा इस कार्य में रोड़ा अटकाने के सवाल पर डाॅ. पूनियां ने कहा कि शहीद का इस तरह अपमान होना दुर्भाग्यपूर्ण है। शहीद की ना कोई जाति होती है, ना कोई दल होता है, वे देश की सीमाओं की रक्षा करते हंै और हम सभी के लिए वे आदर्श एवं पूजनीय होते हैं। मेरी जानकारी में आया कि शहीद की वीरांगना को सŸााधारी दल के किसी वरिष्ठ व्यक्ति ने चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था और वीरांगना द्वारा चुनाव लड़ने से मना करने पर उनकी मूर्ति के काम को लम्बे समय तक बाधित किया गया। मीडिया द्वारा इस मुद्दे को उठाने और हमारे द्वारा राज्य सरकार तक इस मामले को पहुँचाने पर शहीद की मूर्ति स्थापित हो सकी।