Dailyhunt : May 23, 2020, 04:14 PM
India Lockdown: देश में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन जारी है, इस मुश्किल वक्त में हर कोई जंग लड़ रहा है। इस बीच बिहार के दरभंगा जिले की एक बेटी 'ज्योति कुमारी' काफी चर्चा में छाई हुई हैं और सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी इस लड़की के नाम का हैशटैग #JyotiKumari ट्रेंड होता हुआ नजर आ रहा है।ज्योति के हौसले-हिम्मत को जनता कर रही सलाम :ट्विटर पर भारत की बेटी ज्योति कुमारी के हौसले और हिम्मत को जनता सलाम कर रहे है, ट्विटर पर #JyotiKumari नाम से ट्रेंड हो रहे हैशटैग पर लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया साझा कर ज्योती कुमारी द्वारा किए गए नेक कार्य व हिम्मत से सराबोर मिसाल पेश कर रहे हैं। इतना ही नहीं भारत के अलावा ये खबर अमेरिका तक पहुंच गई है।ट्रम्प की बेटी ने भी ज्योती के हौसले को सराहा :दरअसल, भारत की बेटी ज्योती कुमारी के हौसले को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने भी सराहा है। साथ ही ज्योती की संघर्षपूर्ण कहानी को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा भी किया है। आइये जाने है कि, आखिर, ज्योति ने ऐसा क्या किया कि, भारत की जनता के बाद US में इवांका ट्रम्प भी उनकी मुरीद हो गई।
बेटी ज्योती की ये है संघर्षपूर्ण कहानी :दरअसल, भारत की बेटी ज्योती कुमारी (15) ने लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को लेकर हौसले के साथ साइकिल से 1200 किलोमीटर का संघर्षपूर्ण सफर तय कर गुड़गांव से दरभंगा पहुंची हैं। बताया गया है कि, बिहार के दरभंगा की 15 साल की ये बेटी ज्योति जनवरी में अपने बीमार पिता की सेवा के लिए गुड़गांव गई थी, परंतु इसी बीच लॉकडाउन लागू हो गया, जिसके चलते वह गुड़गांव में ही फंस गई। वहीं, उसके पिता बीमार और उनकी जेब बिल्कुल खाली... पिता और बेटी दोनों के समक्ष भूखें मरने की नौबत सामने आ गई, लेकिन बेटी ने हिम्मत नहीं हारी।ज्योती के लिए PM राहत कोष का रुपया बना सहारावहीं, दूसरी बार केंद्र की सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री राहत कोष' के तहत जो मदद की जा रही है, यहीं यानी 'PM राहत कोष' से उसके खाते में 1000 रुपये आए और यहीं ज्येाति के लिए कुछ सहारा बना, ज्योति ने 1000 रुपये में कुछ और पैसे मिलाकर एक पुरानी साइकिल खरीदी और फिर पिता को उस पर बिठाकर गांव आने का मन बनाया, इस दौरान बेटी के पिता पहले नहीं मान रहे थे, लेकिन बेटी का हौसेले के आगे बाद में पिता ने भी हां कर दी और फिर ज्योति अपने पिता को साइकिल पर बैठाकर 8 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद व 1200 किलोमीटर साइकिल चलाकर पिता को लेकर गुड़गांव से दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंच गई।15 yr old Jyoti Kumari, carried her wounded father to their home village on the back of her bicycle covering +1,200 km over 7 days.
— Ivanka Trump (@IvankaTrump) May 22, 2020
This beautiful feat of endurance & love has captured the imagination of the Indian people and the cycling federation!🇮🇳 https://t.co/uOgXkHzBPz