Jansatta : May 08, 2020, 02:12 PM
Rahul Gandhi: देश में जारी लॉकडाउन के दौरान मजदूरों पर आए संकट को देखते हुए राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से कहा है कि ‘आप चाहे इसे न्याय कह लीजिए या फिर प्रधानमंत्री योजना लेकिन 50% आबादी के अकाउंट में 7500 रुपये नकद ट्रांसफर किया जाए…यह आसानी से किया जा सकता है। यह एक आपातकालीन स्थिति है। राहुल गांधी ने यह बात जाने-माने पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा प्रवासी मजदूरों से संबंधित पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया से बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते संकट और लॉकडाउन की वजह से आ रही मुश्किलों पर अपनी चिंता भी जाहिर की है।राहुल गांधी ने आगे कहा कि यह समय आलोचना करने का नहीं है। लॉकडाउन खोलने के लिए हमें एक रणनीति बनाने की जरुरत है। कोई भी बिजनेसमैन आपसे यहीं कहेगा कि इकोनॉमिक सप्लाई चेन और रेड, ऑरेंज तथा ग्रीन जोन के बीच परस्पर टकराव है…जिसे ठीक करने की जरुरत है।’ राहुल गांधी ने कहा कि ‘रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को केंद्र के स्तर पर चिन्हित किया गया है।जबकि ऐसे जोन का निर्धारण राज्य स्तर पर होना चाहिए जिसमें डीएम को भी शामिल किया जाना चाहिए। हमारे मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि केंद्र सरकार ने जिन्हें रेड जोन घोषित किया है वो दरअसल ग्रीन जोन हैं।’ केरल के वायनाड से कांग्रेस के सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री का अलग स्टाइल है। लेकिन हमें स्थानीय स्तर पर कोविड-19 से लड़ने के लिए जरुरत है काफी मजबूत मुख्यमंत्रियों, स्थानीय नेताओं और जिलाधिकारियों की।लॉकडाउन के दौरान किसानों की स्थिति पर बात करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि किसानों को तुरंत मदद पहुंचाने के लिए 10,000 रुपए उन्हें दिये जाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों से जानकारी सामने आई है कि केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर दिये जा रहे राहत पैकेज वहां नहीं पहुंच रहे हैं।उन्होंने कहा कि भारत एक नॉरमल परिस्थिति में नहीं है। इसलिए इसका कोई आसान उपाय नहीं हो सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर काम करना होगा। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई PMO में बैठकर नहीं लड़ी जा सकती है।