Vikrant Shekhawat : Aug 15, 2022, 10:29 PM
UK approve new Vaccine for Omicron variant: ब्रिटेन ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बड़ी कामयाबी हासिल की है. देश ने एक ऐसी बूस्टर डोज को मंजूरी दी है जो ओरिजिनल कोरोना स्ट्रेन और ओमिक्रॉन दोनों वेरिएंट के खिलाफ कारगर है. इसके साथ ही ब्रिटेन पहला ऐसा देश बन गया है जिसने इस तरह की वैक्सीन को मंजूरी दी है. ब्रिटेन की मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने कहा कि उसने कोरोना वायरस के खिलाफ एडवांस मॉडर्ना वैक्सीन को मंजूरी दी क्योंकि इसे सुरक्षा, क्वालिटी और असर के मानकों पर खरा पाया गया है.आधी डोज ही करेगी असरब्रिटिश एजेंसी की ओर से कहा गया है कि बूस्टर डोज स्पाइकवैक्स बाइवैलेंट (Bivalent) ओरिजिनल/ओमिक्रॉन की हर खुराक का आधा हिस्सा (25 माइक्रोग्राम) ओरिजिनल वेरिएंट के खिलाफ काम करता है जबकि दूसरा आधा हिस्सा ओमिक्रॉन को निशाना बनाता है. एमएचआरए के प्रमुख डॉ जे राइन ने कहा कि उन्हें नए बूस्टर डोज को मंजूरी दिए जाने का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है जो क्लीनिकल ट्रायल में ओमिक्रॉन के साथ ही 2020 के ओरिजिनल कोरोना वेरिएंट के खिलाफ भी कारगर साबित हुई है.उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में इस्तेमाल किए जा रही वैक्सीन की फर्स्ट जेनरेशन बीमारी के खिलाफ अहम सुरक्षा देती है और लोगों के जीवन को बचाती है. उन्होंने कहा कि वायरस के दो वेरिएंट के खिलाफ काम करने वाली इस वैक्सीन से लोगों को बीमारी से बचाने में मदद मिलने की पूरी उम्मीद है क्योंकि वायरस अपना स्वरूप लगातार बदल रहा. ड्रग रेगुलेटर ने कहा कि सबूतों की बारीकी के साथ समीक्षा किए जाने के बाद एक्सपर्ट ने ब्रिटेन में इस बूस्टर वैक्सीन को मंजूरी देने के फैसले का समर्थन किया.डोज के साइड इफेक्ट हल्केइसके साथ ही संस्था की ओर से यह भी कहा कि उसका फैसला क्लीनिकल ट्रायल के आंकड़ों पर आधारित है जिसमें दिखाया गया है कि बूस्टर मॉडर्न वैक्सीन ओमिक्रॉन के साथ ही 2020 के ओरिजिनल वेरिएंट के खिलाफ कारगर पाया गया. इसके अलावा ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.4 और बीए.5 के खिलाफ भी इसे कुछ हद तक कारगर पाया गया. एजेंसी ने कहा कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन के दुष्प्रभाव वही हैं जो मूल मॉडर्ना बूस्टर डोज में देखे गए थे और आमतौर पर हल्के थे.डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक मॉडर्ना के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पॉल बर्टन ने पहले कहा था कि नई वैक्सीन किसी शख्स के एंटीबॉडी को इतने हाई लेवल तक बढ़ा सकती है कि इसकी केवल सालाना जरूरत हो सकती है. अब इस 'नेक्स्ट जनरेशन' कोरोना बूस्टर वैक्सीन को साल में सिर्फ एक बार लगाने की जरूरत हो सकती है और इसे वयस्कों पर इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है.