News18 : May 07, 2020, 02:54 PM
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) के मुताबिक भारत में इस साल 2 करोड़ से ज्यादा बच्चों का जन्म होगा। ये आंकड़ें सिर्फ 9 महीने के हैं। संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कोराना को महामारी करार देने के बाद की ये संख्या है। UNICEF ने कहा है कि 11 मार्च से लेकर 16 दिसंबर तक भारत में 2.1 बच्चों का जन्म होगा। साथ ही ये भी कहा गया है कि इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चों और उनकी मां को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती है।
कोरोना का असर हर देश परUNICEF के मुताबिक कोरोना वायरस के साये में दुनिया भर में करीब 116 मिलियन बच्चे पैदा होंगे। ये भी अनुमान है कि जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान भारत में 2 करोड़ बच्चों का जन्म होगा। यहां तक कि धनी देश भी इस संकट से प्रभावित होंगे। अमेरिका में जन्म की अनुमानित संख्या के मामले में छठे उच्चतम देश है। यहां 3।3 मिलियन से अधिक बच्चों का जन्म 11 मार्च और 16 दिसंबर के बीच होने का अनुमान है।बाकी देशो का हालमहामारी घोषित होने के बाद के 9 महीनों में सबसे अधिक जन्म भारत में होने की संभावना है। इस दौरान भारत के अलावा चीन (13।5 मिलियन), नाइजीरिया (6।4 मिलियन), पाकिस्तान (5 मिलियन) और इंडोनेशिया (4 मिलियन) बच्चों का जन्म होगा।काफी ज्यादा होगी परेशानी
UNICEF ने कहा है कि कोरोना के इस दौर में पैदा होने वाले बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जैसे की लॉकडाउन और कर्फ्यू। इस दौरान ठीक से इन्हें मेडेकिल सुविधांए भी नहीं मिल सकेगी। इसके अलावा कोरोना वायरस के डर से महिलाएं रेगुलर चेकअप और डेलिवरी के लिए भी हॉस्पिटल जाने से डरेंगी।
कोरोना का असर हर देश परUNICEF के मुताबिक कोरोना वायरस के साये में दुनिया भर में करीब 116 मिलियन बच्चे पैदा होंगे। ये भी अनुमान है कि जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान भारत में 2 करोड़ बच्चों का जन्म होगा। यहां तक कि धनी देश भी इस संकट से प्रभावित होंगे। अमेरिका में जन्म की अनुमानित संख्या के मामले में छठे उच्चतम देश है। यहां 3।3 मिलियन से अधिक बच्चों का जन्म 11 मार्च और 16 दिसंबर के बीच होने का अनुमान है।बाकी देशो का हालमहामारी घोषित होने के बाद के 9 महीनों में सबसे अधिक जन्म भारत में होने की संभावना है। इस दौरान भारत के अलावा चीन (13।5 मिलियन), नाइजीरिया (6।4 मिलियन), पाकिस्तान (5 मिलियन) और इंडोनेशिया (4 मिलियन) बच्चों का जन्म होगा।काफी ज्यादा होगी परेशानी
UNICEF ने कहा है कि कोरोना के इस दौर में पैदा होने वाले बच्चों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। जैसे की लॉकडाउन और कर्फ्यू। इस दौरान ठीक से इन्हें मेडेकिल सुविधांए भी नहीं मिल सकेगी। इसके अलावा कोरोना वायरस के डर से महिलाएं रेगुलर चेकअप और डेलिवरी के लिए भी हॉस्पिटल जाने से डरेंगी।