Business News / इजराइल और ईरान में शुरू हुआ वॉर, कच्चा तेल जाएगा 100 डॉलर के पार!

ईरान ने इजराइल के खिलाफ जंग छेड़ दी है. ईरान ने इजराइल पर ड्रोन हमलें किए हैं. वहीं दूसरी ओर इजराइल और अमेरिका के बीच जवाबी कार्रवाई के लिए बातचीत जारी है. जानकारों की मानें तो इस टेंशन की वजह से कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकते हैं. ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसर है. अगर इजराइल भी ईरान पर हमले करता है. साथ ही अमेरिकी सरकार ईरान पर प्रतिबंधों की झड़ी लगाती है तो कच्चे तेल के दाम भी

Vikrant Shekhawat : Apr 14, 2024, 08:53 AM
Business News: ईरान ने इजराइल के खिलाफ जंग छेड़ दी है. ईरान ने इजराइल पर ड्रोन हमलें किए हैं. वहीं दूसरी ओर इजराइल और अमेरिका के बीच जवाबी कार्रवाई के लिए बातचीत जारी है. जानकारों की मानें तो इस टेंशन की वजह से कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकते हैं. ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसर है. अगर इजराइल भी ईरान पर हमले करता है. साथ ही अमेरिकी सरकार ईरान पर प्रतिबंधों की झड़ी लगाती है तो कच्चे तेल के दाम भी रॉकेट हो जाएंगे. जानकारों की मानें तो पहले ही कच्चे तेल की सप्लाई और प्रोडक्शन दोनों की समस्या थी.

अब मिडिल ईस्ट की टेंशन में ईरान का उतरना और भी ज्यादा क्राइसिस पैदा करेगा. अब दुनिया के उन तमाम देशों को महंगे कच्चे तेल के लिए तैयार रहना होगा जो अपनी जरुरत का 80 फीसदी से ज्यादा इंपोर्ट पर डिपेंड है.

जिसमें भारत और चीन का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है. कच्चा तेल महंगा होने से ऐसे देशों में महंगाई में बढ़ोतरी भी देखने को मिलेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ईरान के इजराइल पर हमले करने से किस तरह के आर्थिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं?

कच्चे तेल के दाम में आएगी तेजी

मिडिल ईस्ट में टेंशन अपने चरम पर पहुंच चुकी है. ईरान ने इजराइल पर हमले करने शुरू कर दिए हैं. इजराइल भी जवाबी कार्रवाई कर रहा है. साथ ही अमेरिकी सरकार के साथ बड़ी कार्रवाई करने के लिए बातचीत कर रहा है. ऐसे में अमेरिका ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने जैसी कार्रवाई कर सकता है, जो दो पहले रूस पर की थी.

अमेरिका ईरान के तेल पर भी प्रतिबंध लगा सकता है जोकि बड़ा कदम होगा. ईरान ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा ऑयल प्रोड्यूसर है. अगर ईरान के तेल पर प्रतिबंध लगता है कि दुनिया में तेल संकट चरम पर पहुंच जाएगा. एक दम से कच्चे तेल के दाम आसमान छूने लगेंगे. जैसा कि यू्क्रेन-रूस वॉर के दौरान देखने को मिला था.

100 डॉलर पर जाएंगे कच्चे तेल के दाम?

मौजूदा समय में खाड़ी देशों का तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार कारोबार कर रहा है. इस हमले और ईरान पर संभावित अमेरिकी कार्रवाई को देखते हुए जब सोमवार को इंटरनेशनल मार्केट खुलेंगे. कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है.कच्चे तेल की कीमत में 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल सकती है.

इसका मतलब है कि ब्रेंट क्रूड ऑयल यानी खाड़ी देशों के तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच सकती है. यानी ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा देखने को मिल सकता है. दूसरी ओर अमेरिकी कच्चे तेल की कीमत में भी तेजी देखने को मिलेगी और दाम 95 डॉलर प्रति बरैल पहुंच सकते हैं.

आखिरी बार कब दाम हुए थे 100 डॉलर?

करीब 21 महीने पहले कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल पर देखने को मिली थी. 31 अगस्त 2022 को ब्रेंट क्रूड ऑयल दाम 100.46 डॉलर प्रति बैरल के साथ दिन के हाई पर गया था. उसके बाद से कच्चे तेल की कीमत में गिरावट देखने को मिली. पिछले साल से इजराइल और गाजा वॉर के बाद से कच्चे तेल के दाम 85 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा देखने को मिले हैं.

उस समय दाम 95 डॉलर प्रति बैरल पर भी चले गए थे. तब मिडिल ईस्ट का वो देश जो ऑयल प्रोड्यूसर है इस वॉर में कूदा नहीं था. अब ईरान इजराइल के सामने है. साथ ही अमेरिका भी भी इजराइल के सपोर्ट में खड़ा है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकती हैं.

क्या हो सकता है असर?

कच्चे तेल की कीमत अगर 100 डॉलर प्रति बैरल पर जाएंगे तो दुनिया के उन देशों में फ्यूल की कीमतों में इजाफा होगा जो अपनी जरुरत का ज्यादातर कच्चा तेल इंपोर्ट करते हैं. अगर बात भारत की करें तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत अपनी जरुरत का 85 फीसदी से ज्यादा तेल इंपोर्ट करता है. ऐसे में इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम में इजाफा होगाा तो देश की पेट्रोलियम कंपनियों को महंगा कच्चा तेल खरीदना होगा. जिससे पेट्रोलियम कंपनियों की कॉस्ट बढ़ जाएगी. ऐसे में उन्हें पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा करना होगा.

अगर कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जाते हैं तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में इजाफा देखने को मिल सकता है. मुमकिन है कि चुनाव के नतीजे आने तक की कीमतों में कोई बदलाव ना देखने को मिले, लेकिन जून के पहले हफ्ते के बाद पेट्रोलियम कंपनियां सख्त कदम उठा सकती हैं.

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल औरर डीजल के दाम

  • नई दिल्ली: पेट्रोल रेट: 94.72 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.62 रुपए प्रति लीटर
  • कोलकाता: पेट्रोल रेट: 103.94 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 90.76 रुपए प्रति लीटर
  • मुंबई: पेट्रोल रेट: 104.21 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.15 रुपए प्रति लीटर
  • चेन्नई: पेट्रोल रेट: 100.75 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.34 रुपए प्रति लीटर
  • बेंगलुरु: पेट्रोल रेट: 99.84 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 85.83 रुपए प्रति लीटर
  • चंडीगढ़: पेट्रोल रेट: 94.24 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 82.40 रुपए प्रति लीटर
  • गुरुग्राम: पेट्रोल रेट: 95.19 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 88.05 रुपए प्रति लीटर
  • लखनऊ: पेट्रोल रेट: 94.65 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.76 रुपए प्रति लीटर
  • नोएडा: पेट्रोल रेट: 94.83 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.96 रुपए प्रति लीटर
मौजूदा समय में कच्चे तेल की कीमत

भले ही इंटरनेशनल मार्केट बंद हो, उसके बाद भी अमेरिकी और खाड़ी देशों का कच्चा तेल शुक्रवार को तेजी के साथ बंद हुआ था. आंकड़ों के अनुसार खाड़ी देशों का कच्चा तेल 90.45 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. अगर बात मौजूदा साल की करें तो कच्चे तेल की कीमत में 17.10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. जबकि बीते एक महीने में दाम में कच्चे तेल की कीमतें करीब 6 फीसदी तक बढ़ चुकी है.

दूसरी अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतें 85.45 डॉलर प्रति बैरल पर हैं. जिसके 95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने के आसार हैं. बीते एक महीने की बात करें तो कच्चे तेल की कीमतें 5.41 फीसदी तक बढ़ी हैं. वहीं दूसरी ओर मौजूदा साल की बात करें तो कच्चे तेल के दाम में करीब 20 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल चुका है.