China News / 'हम परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल नहीं करेंगे'- पड़ोसी मुल्क ने जताई प्रतिबद्धता

चीन ने बृहस्पतिवार को अपनी "पहले परमाणु हथियार न इस्तेमाल" नीति की पुष्टि की। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन आत्मरक्षा की रणनीति अपनाता है और परमाणु क्षमताओं को केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बनाए रखेगा। आईसीबीएम परीक्षण पर उन्होंने जोर दिया कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप है।

Vikrant Shekhawat : Sep 27, 2024, 07:00 AM
China News: भारत के पड़ोसी देश चीन ने हाल ही में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रक्षेपण किया, जिसे लेकर वैश्विक स्तर पर कई सवाल उठाए गए। बृहस्पतिवार को चीन ने स्पष्ट किया कि उसकी परमाणु नीति स्थिर और सुसंगत है, और वह 'पहले परमाणु हथियारों का उपयोग न करने' की नीति का सख्ती से पालन करता है। चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल झांग शियाओगांग ने कहा कि चीन आत्मरक्षा की परमाणु रणनीति का अनुसरण करता है और परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करेगा।

परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल की नीति का सख्ती से पालन

प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने प्रेस वार्ता में कहा, “चीन की परमाणु नीति बहुत स्पष्ट और स्थिर है। हम पहले परमाणु हथियारों का उपयोग न करने की नीति का पालन करते हैं।” यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में चीन ने ICBM का परीक्षण किया है। प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि चीन ने वादा किया है कि वह परमाणु हथियार रहित देशों या परमाणु हथियार मुक्त क्षेत्रों के खिलाफ कभी भी परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा, न ही ऐसी धमकी देगा।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए परमाणु क्षमता

झांग शियाओगांग ने कहा कि चीन अपनी परमाणु क्षमताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक स्तर पर बनाए रखेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आईसीबीएम परीक्षण अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानकों के अनुरूप था और किसी विशेष देश को लक्ष्य बनाकर नहीं किया गया था। हालांकि, चीन के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कुछ चिंता के साथ देखा जा रहा है, विशेषकर उस समय जब वैश्विक सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।

आईसीबीएम प्रक्षेपण पर चीन का रवैया

बुधवार को किए गए ICBM प्रक्षेपण के संबंध में, चीन ने प्रशांत महासागर में अपने मिसाइल परीक्षण की पुष्टि की है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की रॉकेट फोर्स ने मिसाइल के दागे जाने के चार चित्र भी प्रकाशित किए। यह कदम चीन के लिए असामान्य माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले उसने अपनी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों की तस्वीरें सार्वजनिक नहीं की थीं। इसके बावजूद, चीन ने इस प्रक्षेपण को अपनी सुरक्षा रणनीति के तहत एक सामान्य अभ्यास बताया है और इसे किसी विशेष लक्ष्य पर केंद्रित नहीं बताया है।

वैश्विक चिंताएं और चीन का रुख

चीन के इस कदम से कई देश सतर्क हो गए हैं। हालांकि चीन ने यह स्पष्ट किया है कि यह परीक्षण किसी विशेष देश के खिलाफ नहीं था, लेकिन उसकी बढ़ती परमाणु क्षमताओं पर वैश्विक समुदाय की नजरें टिकी हुई हैं। अमेरिका, भारत, और अन्य प्रमुख शक्तियों ने चीन की इस गतिविधि पर ध्यान दिया है। हालांकि चीन बार-बार इस बात पर जोर देता आ रहा है कि उसकी परमाणु नीति 'रक्षा' पर आधारित है, लेकिन उसकी बढ़ती सैन्य और परमाणु क्षमताओं से क्षेत्रीय संतुलन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

निष्कर्ष

चीन ने अपने हालिया ICBM परीक्षण और परमाणु हथियार नीति को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप बताते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की है। चीन की नीति 'पहले इस्तेमाल न करने' पर आधारित है, लेकिन उसकी बढ़ती सैन्य गतिविधियों और परमाणु हथियारों की क्षमता से अंतरराष्ट्रीय मंच पर चिंताएं भी बनी हुई हैं। ऐसे समय में जब वैश्विक शांति और स्थिरता की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, चीन के इस कदम को लेकर अलग-अलग देशों में चिंतन और प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।