Rajasthan / बच्चे की मौत के बाद नानी ने नर्स को जड़े थप्पड़, टीके लगाने के बाद नीली पड़ गया था मासूम का शरीर, मौत

अजमेर के एक आंगनबाड़ी केंद्र में टीके लगवाने के बाद करीब 17 घंटे बाद डेढ़ महीने के मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत से गुस्साएं परिवार वालों ने सिटी डिस्पेंसरी में पहुंचकर जमकर हंगामा किया और टीका लगाने वाली नर्स के साथ मारपीट कर दी। मासूम की नानी ने नर्स को गाल पर कई थप्पड़ जड़ दिए। परिजनों ने आरोप लगाया कि मना करने के बाद भी नर्स ने टारगेट पूरा करने बच्चे को तीन टीके लगाए। घर जाने के बाद उसकी बॉडी नीली पड़ गई थी।

Vikrant Shekhawat : Mar 11, 2022, 12:43 PM
अजमेर के एक आंगनबाड़ी केंद्र में टीके लगवाने के बाद करीब 17 घंटे बाद डेढ़ महीने के मासूम की मौत हो गई। बच्चे की मौत से गुस्साएं परिवार वालों ने सिटी डिस्पेंसरी में पहुंचकर जमकर हंगामा किया और टीका लगाने वाली नर्स के साथ मारपीट कर दी। मासूम की नानी ने नर्स को गाल पर कई थप्पड़ जड़ दिए।  परिजनों ने आरोप लगाया कि मना करने के बाद भी नर्स ने टारगेट पूरा करने बच्चे को तीन टीके लगाए। घर जाने के बाद उसकी बॉडी नीली पड़ गई थी।  

जानकारी के अनुसार मामला अजमेर के गुलाब बाड़ी डिस्पेंसरी का है। मासूम की नानी हेमलता चौहान ने बताया कि बुधवार को नाती को टीका लगवाने के लिए बेटी निहारिका चौहान आंगनबाड़ी केंद्र गई थी। यहां मौजूद नर्स मंजू ने बच्चे को तीन टीके लगाने के लिए कहा। निहारिका के मना करने के बाद भी सुबह करीब 11 बजे मंजू ने बच्चे को तीनों टीके लगा दिए। गुरुवार सुबह करीब चार बजे बच्चे के मुंह से झाग निकल रहा था। हॉस्पिटल लेकर जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

इससे गुस्साए परिजन गुरुवार दोपहर डिस्पेंसरी पहुंचे और जमकर हंगामा किया। डिस्पेंसरी में हंगामा बढ़ता देख नर्स कमरे में छिप गई। परिवार वाले नर्स को बुलाने की मांग कर रहे थे, लेकिन वह सामने नहीं आई। कुछ देर इधर-उधर तलाशी के बाद परिजनों ने उसे ढूंढ ही लिया और बच्चे की नानी ने खूब थप्पड़ जड़े। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिवार वालों को समझाइश देकर और डिस्पेंसरी प्रभारी के जांच का आश्वासन देने के बाद ही परिवार वाले शांत हुए।  

मामले की जांच की जाएगी 

डिस्पेंसरी प्रभारी ने बताया कि बुधवार को आंगनबाड़ी केंद्र पर वैक्सीनेशन कैंप लगा हुआ था। सुबह 11 बजे नर्स मंजू ने बच्चे को तीन टीके लगाए और जरूरी निर्देश दिए। गुरुवार सुबह परिजनों ने टीके लगाने के बाद मौत होने के आरोप लगाए, लेकिन मौत जो लक्ष्ण बताए जा रहे हैं, वह टीके से नहीं होते। डेढ़ महीने का होने पर बच्चों को तीन टीके लगाए जाते हैं और दो ओरल वैक्सीन दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। 

परिवार वालों ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई 

अलवर गेट थाना प्रभारी रमेंद्र सिंह हाड़ा ने बताया कि डिस्पेंसरी में हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची थी। मृतक बच्चे के परिवार वाले टीके लगाने में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे, उन्हें समझाकर शांत कराया। परिवार वालों केस दर्ज कराएंगे तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।