AajTak : Apr 16, 2020, 07:43 AM
Coronavirus: डॉक्टरों ने संदेह जताया है कि पैरों में कुछ खास प्रकार के घाव (Bruising और Lesions) कोरोना वायरस के संकेत हो सकते हैं। स्पेनिश जनरल काउंसिल ऑफ ऑफिशियल पॉडिअट्रिस्ट (Podiatrist) कॉलेज ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के काफी मरीजों के पैरों में ऐसे घाव देखे जा रहे हैं।स्पेन के डॉक्टरों के मुताबिक, ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं जिनमें देखा जा रहा है कि कोरोना मरीजों के पैरों में चिकनपॉक्स, मीजल्स जैसे घाव के निशान हैं। खासकर बच्चों और किशोरों में ऐसा देखा गया है। लेकिन कुछ मामलों में कई वयस्कों में भी ऐसे घाव पाए गए हैं। ये घाव बिना कोई निशान छोड़े ठीक भी हो गए।स्किन पर घाव ये निशान ब्लड वेसल्स में इन्फ्लमेशन की वजह से होते हैं। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, 7500 मेंबर वाले स्पेनिश जनरल काउंसिल ऑफ ऑफिशियल पॉडिअट्रिस्ट कॉलेज ने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि इटली और फ्रांस में भी ऐसे केस देखे गए हैं।डॉक्टरों का कहना है कि कई कोरोना मरीजों के पैरों पर पर्पल चिकनपॉक्स जैसे निशान मिले हैं। वहीं इसको लेकर स्पेन के एक अन्य हेल्थ सेंटर के डॉक्टर भी 'कोविड-स्किन स्टडी' कर रहे हैं। वहीं, इटली के एक हॉस्पिटल में हर 5 में से एक कोरोना मरीज की स्किन पर घाव के निशान मिले। इटली के एलेसैंड्रो मैन्जोनी हॉस्पिटल में 88 मरीजों पर स्टडी की गई थी।स्पेन में अब मेडिकल एक्सपर्ट ने ऐसे लोगों की जानकारी जमा करना शुरू कर दिया है जो कोरोना से पॉजिटिव हुए थे और जिनके पैरों में निशान भी पाए गए। पर्याप्त जानकारी होने के बाद ही डॉक्टर इस मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।आमतौर पर कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों में कफ और फीवर ही होते हैं। लेकिन हाल की स्टडीज में ये चेतावनी दी गई है कि कोरोना से डायरिया, स्किन मार्क्स, टेस्टिकल में दर्द और स्वाद खत्म होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। चीन में हुई एक स्टडी के मुताबिक, काफी संख्या में कोरोना मरीजों में सिर दर्द और चक्कर आने की समस्याएं देखी गईं।कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में त्वचा रोगों के प्रोफेसर रैंडी जैकब्स ने कहा- 'कई लोगों ने जानना चाहा है कि क्या कोरोना से स्किन पर प्रभाव पड़ता है, जवाब है- हां।' वहीं, थाइलैंड के डॉक्टर ने भी चेतावनी दी है कि कोरोना से हुई स्किन समस्या को अन्य बीमारी समझकर इलाज करने की गलती हो सकती है। यहां एक मरीज की स्किन पर पर्पल, रेड और ब्राउन स्पॉट थे और शुरुआत में उन्हें गलती से डेंगू का मरीज मान लिया गया, लेकिन असल में उन्हें कोरोना था।