ABP News : Sep 08, 2020, 08:34 AM
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में अशोक गहलोत ने राज्यों को जीएसटी मुआवजे के पेमेंट में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों में भरोसा कायम रखने के मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से जीएसटी को लागू करते समय राज्य सरकारों से किए गए वादों को पूरा करने की बात कही है, साथ ही केंद्र द्वारा लागू किए जा रहे कुछ टैक्स का अधिकार राज्य सरकारों के लिए छोड़ने का आग्रह किया है।GST कलेक्शन में आ रही कमी का भार उठाए केंद्र सरकार-गहलोतगहलोत ने केंद्र सरकार से कहा है कि जीएसटी परिषद की 41वीं बैठक में केंद्र सरकार द्वारा यह सुझाव दिया गया था कि राज्य द्वारा जीएसटी मुआवजे में कमी की पूर्ति कर्ज के जरिए की जाए। उन्होंने पत्र में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है क्योंकि जब टैक्स कलेक्शन ज्यादा होता है तो उसका फायदा केंद्र सरकार को मिलता है। इसलिए अर्थव्यवस्था में जीएसटी कलेक्शन में कमी आने पर केंद्र सरकार द्वारा ही इसकी जिम्मेदारी उठाई जानी चाहिए।राज्यों को नुकसान के लिए मुआवजा देने का वादा किया गया था-गहलोतउन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने माना है कि इसकी पूर्ति मुआवजा कोष से की जाए और इस कमी को फंडिंग करने की केंद्र सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं है। यह उस संविधान संशोधन की मूल भावना के विपरीत है, जिसके तहत राज्यों द्वारा कुछ टैक्स को लागू करने के अपने संवैधानिक अधिकारों को केंद्र सरकार के पक्ष में दे दिया गया था। गहलोत ने पत्र में लिखा है कि संविधान संशोधन के तहत अनेक राज्य करों को जीएसटी में शामिल कर दिया गया था और कहा गया था कि राज्यों को इससे होने वाले राजस्व के नुकसान को देखते हुए मुआवजा उपलब्ध करवाया जाएगा।केंद्र सरकार मुआवजा घटाने-बढ़ाने का फैसला नहीं ले सकती-गहलोतउन्होंने कहा कि जीएसटी (कम्पनसेशन टू स्टेट) एक्ट 2017 में राज्यों को जीएसटी को लागू करने के कारण राजस्व हानि की पूर्ति करने के लिए पांच वर्ष तक मुआवजा देने की गारंटी दी गई है। इसलिए अब यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि राज्यों को मुआवजे की पूरी राशि बिना किसी देनदारी के मिले। उन्होंने कहा कि अपरिहार्य स्थितियों के कारण टैक्स कलेक्शन में कमी होने के बावजूद जीएसटी (कम्पनसेशन टू स्टेट) कानून, 2017 के तहत क्षतिपूर्ति को ना ही कम किया जा सकता है और ना ही बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कानून के तहत केंद्र सरकार मुआवजा बढ़ाने या घटाने का फैसला नहीं ले सकती है।गहलोत ने अन्य बातों की तरफ भी दिलाया ध्यानगहलोत ने पत्र के माध्यम से मोदी का मुआवजे के भुगतान से जुड़े जटिल मुद्दों पर भी ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की मुआवजा के आखिरी साल में राज्यों को पूर्व निर्धारित 14 फीसदी वृद्धि के स्थान पर शून्य फीसदी वृद्धि की सोच अनुचित है व न्यायोचित नहीं है।