देश / ISRO का बड़ा खुलासाः इस वर्ष लान्च नहीं होगा चंद्रयान-3, रोव-लैंडर साथ होंगे ऑर्बिटर नहीं

इसरो के मुताबिक उनका अगला मिशन मून 2020 में लॉन्च नहीं होगा। जी हां जिस मिशन चंद्रयान-2 से देशवासियों को काफी उम्मीदें थीं उसका अगला मिशन चंद्रयान-3 इस वर्ष संभव नहीं हो पाएगा। क्योंकि इसके साथ ही कुछ अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। इनमें गगनयान भी शामिल हैं। ऐसे में महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए भी भारतीय वायुसेनासे 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चयनित किया गया है और जल्द ही रूस में उनकी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।

Patrika : Jan 02, 2020, 02:32 PM
नई दिल्ली | मिशन चंद्रयान-2 ( Chandrayaan2 ) के जरिये पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ( ISRO ) से बड़ी खबर सामने आई है। इसरो के मुताबिक उनका अगला मिशन मून 2020 में लॉन्च नहीं होगा। जी हां जिस मिशन चंद्रयान-2 से देशवासियों को काफी उम्मीदें थीं उसका अगला मिशन चंद्रयान-3 ( Chandryaaan3 ) इस वर्ष संभव नहीं हो पाएगा।

खुद इसरो प्रमुख के. सिवन ( ISRO Chief K Sivan ) ने इस बात की पुष्टि की है कि मिशन चंद्रयान-3 को वर्ष 2020 में लॉन्च नहीं किया जा सकेगा। इसके पीछे भी उन्होंने बड़ी वजह बताई है।

इसरो चीफ के. सिवन के मुताबिक चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग अगले साल ही हो सकती है। क्योंकि इसके साथ ही कुछ अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम चल रहा है। इनमें गगनयान ( Gaganyaan ) भी शामिल हैं। ऐसे में महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम के लिए भी भारतीय वायुसेना ( AIF ) से 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चयनित किया गया है और जल्द ही रूस में उनकी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।

यही वजह है कि पहले गगनयान को लेकर काम किया जाएगा इसके साथ ही मिशन चंद्रयान-3 पर भी काम शुरू होगा लेकिन इनकी लॉन्चिंग 2021 में ही संभव हो पाएगी।

आपको बता दें कि मंगलवार को ही केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि भारत 2020 में चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया जाएगा। इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा है कि तीसरे चंद्रयान मिशन को सरकार की मंजूरी मिल गई है और इससे संबंधित सभी गतिविधियां सुचारू रूप से चल भी रही हैं।

बगैर ऑर्बिटर के लॉन्च होगा चंद्रयान-3

गगनयान मानव को अंतरिक्ष में ले जाने का भारत का पहला अभियान है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल 7 साल होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस ऑर्बिटर से हमें संकेत मिलते रहेंगे।

वहीं चंद्रयान-3 में लैंडर और रोवर तो होंगे लेकिन ऑर्बिटर नहीं होगा। चंद्रयान-3 परियोजना की लागत पर सिवन ने कहा, च्इस मिशन पर 250 करोड़ रुपये का खर्च होगा।

2020 में 25 मिशन की तैयारी

सिवन ने कहा कि श्री हरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के स्पेस पोर्ट के अलावा दूसरे प्रक्षेपण स्थल के वास्ते तूतिकोरीन जिले में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गयी है।

भविष्य के अभियानों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 2020 के लिए 25 मिशन की योजना है।

सिवन ने कहा, 2019 में जिस मिशन की योजना बनाई गई थी और उसे पूरा नहीं किया जा सका, उसे इस साल मार्च तक पूरा किया जाएगा।