जयपुर: एक बार फिर से मीडिया खबर दमदार असर हुआ है खबर के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग जागा और एनटीटी (NTT) शिक्षकों को स्थाई कर दिया. राजस्थान में तीन साल बाद भी एनटीटी शिक्षकों को स्थाई नहीं किया गया था. नियमों के तहत दो साल में एनटीटी शिक्षकों को स्थाई करना था. लेकिन महिला एवं बाल विकास की लापरवाही के चलते 500 शिक्षकों को स्थाई नहीं किया था. इसके बाद, 20 जून ने मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद शुक्रवार को एनटीटी शिक्षकों के स्थाई करने के आदेश जारी हो गए.
2017 में हुई थी ज्वांइनिंग
एनटीटी की भर्ती की घोषणा बजट 2013 में 1000 पदों की घोषणा हुई थी. एग्जाम 3 साल बाद 3 अप्रैल 2016 को हुआ था और उनकी ज्वाइनिंग 19 जून 2017 को हुई थी. लेकिन प्रोविजन को 2 साल पूरे होने के बाद भी स्थायीकरण नहीं हो पा रहा था. एक वर्ष का समय अधिक निकल जाने के बाद एनटीटी शिक्षक का स्थायीकरण नहीं होने से उनको शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन शासन के इस आदेश के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर साफतौर पर दिखाई दे रही है.
1000 में से 500 शिक्षक अब तक अस्थाई-
जानकारी के अनुसार, अभी तक महिला एवं बाल विकास विभाग 1000 में से लगभग 500 के करीब शिक्षकों का स्थायीकरण का आदेश जारी हो चुके थे. जबकि, बचे हुए 500 शिक्षकों में से 136 के आदेश कर दिए हैं. बाकी के शिक्षकों को भी स्थाई करने के आदेश विभाग जल्द जारी करेगा.
एनटीटी संघर्ष समिति के महासचिव विष्णु शर्मा ने सीएम अशोक गहलोत, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश और सचिव केके पाठव का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि, लगातर शिक्षक मांग कर रहे थे कि शिक्षकों को स्थाई किया जाए. जिसके बाद शुक्रवार आदेश जारी होने के बाद शिक्षकों में खुशी की लहर है.