देश / कृषि बिल पर आर-पार के मूड में कांग्रेस, सोनिया गांधी ने सोमवार को बुलाई बैठक

किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक के दौरान सोनिया गांधी सभी कार्यकर्ताओं के सामने न्यू फॉर्म बिल को लेकर चर्चा करेंगी। सभी महासचिवों, प्रदेश यूनिट इंचार्ज और कमेटी के सदस्यों को इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। कांग्रेस जल्द ही न्यू फॉर्म बिल के खिलाफ आंदोलन शुरू करने वाली है।

AajTak : Sep 19, 2020, 08:19 PM
नई दिल्ली | किसानों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक के दौरान सोनिया गांधी सभी कार्यकर्ताओं के सामने न्यू फॉर्म बिल को लेकर चर्चा करेंगी। सभी महासचिवों, प्रदेश यूनिट इंचार्ज और कमेटी के सदस्यों को इस बैठक में शामिल होने के लिए कहा गया है। कांग्रेस जल्द ही न्यू फॉर्म बिल के खिलाफ आंदोलन शुरू करने वाली है। माना जा रहा है कि इस बैठक में उसी रणनीति पर चर्चा की जाएगी।    

जाहिर है किसानों से जुड़े दो विधेयकों के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक कड़ा विरोध देखने को मिल रहा है। इसके बावजूद गुरुवार को दोनों बिल लोकसभा में पारित हो गए हैं। अब यह बिल रविवार को राज्यसभा में रखा जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि वह इस कृषि बिल को राज्यसभा से भी पास करा लेगी।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी करने का जुमला छोड़कर अपनी बातों में फंसाया था; आज उस शासक ने किसानों के लिए काले अध्यादेश पारित करवाये हैं। किसानों के खिलाफ साजिश रचकर कृषि क्षेत्र को चंद पूंजीपति मित्रों को सौंपा जा रहा है।

लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा, "यह सरकार आंखों के ऊपर काली पट्टी बांधकर राज्य सरकारों की अर्थव्यवस्था की स्थिति और किसानों की कमर तोड़ रही हैं, ताकि आने वाले चुनाव में उनके बड़े-बड़े उद्योगपति इनके इलेक्शन का पैसा दें।"

वहीं कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अध्यादेश की आड़ में मोदी सरकार असल में ‘शांता कुमार कमेटी’ की रिपोर्ट लागू करना चाहती है, ताकि एफसीआई के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद ही न करनी पड़े और सालाना ₹80,000 से एक लाख करोड़ रुपये की बचत हो। 

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के किसानों को आश्वस्त किया है कि लोकसभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे। पीएम ने कहा कि नए प्रावधान लागू होने से किसान अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे।