देश / कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम पर विचार करें: प्रदूषण पर केंद्र, एनसीआर के राज्यों से एससी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निर्माण कार्यों, गैर-ज़रूरी ट्रांसपोर्ट, बिजली संयंत्रों को रोकने जैसे मुद्दों पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाने को कहा है। कोर्ट ने मामला बुधवार तक टालते हुए केंद्र और एनसीआर क्षेत्र के राज्यों को इस बीच कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने को कहा।

Vikrant Shekhawat : Nov 15, 2021, 03:41 PM
नई दिल्ली: Delhi-NCR Pollution:  दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई चल रही है, जिसमें केजरीवाल सरकार ने कहा है कि वो पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार हैं, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए भी लॉकडाउन की जरूरत है. हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन का सीमित प्रभाव होगा. वायु प्रदूषण के मुद्दे को एयरशेड के स्तर पर हल करने की जरूरत है. इसमें NCR को भी शामिल किया जाएगा. CJI ने दिल्ली सरकार से कहा कि NCR में गुडगांव, नोएडा आदि भी हैं.  वहां भी निर्माण कार्य रोका जाना चाहिए. ऐसे में आप उनसे भी बात कीजिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा - दिल्ली सरकार ने वर्क फ्रॉम होम (Work From Home)  किया है, लेकिन दिल्ली NCR में बहुत सारे केंद्रीय कर्मचारी भी हैं. ऐसे में केंद्र भी इस पर विचार करे. दिल्ली-NCR क्षेत्र में केंद्र सरकार और राज्य सरकार फिलहाल वर्क फ्रॉम होम लागू करने पर विचार करें.

याचिकाकर्ता की ओर से विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- हमारे कुछ सुझाव हैं .पंजाब में केस रिपोर्ट सही से नहीं हो रहे हैं, पंजाब में चुनाव हैं इसलिए पराली जलाने को नहीं रोका जा रहा.

केंद्र की ओर से पेश तुषार मेहता ने कहा दिल्ली सरकार ने इसे लेकर कदम उठाए हैं. निर्माण काम बंद कर दिया है और भी फैसले किए हैं. हरियाणा ने भी कदम उठाए हैं. सरकारी कर्मचारी घर से काम करेंगे.

तुषार मेहता ने ये भी कहा कि दिल्ली और आसपास प्रदूषण के पीछे पराली जलाना सिर्फ दस फीसदी है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- जब पराली जलाना मुख्य कारण नहीं है तो फिर इतनी हॉय तोबा क्यों ?  बिना किसी वैज्ञानिक या कानूनी आधार के ? जस्टिस चंद्रचूड ने कहा कि आपकी रिपोर्ट कहती है कि धूल, उद्योग और वाहन आदि मुख्य कारण हैं तो इनको तुरंत काबू करने के लिए क्या किया जा रहा है ?

CJI ने पूछा- दिल्ली सरकार बताए कि क्या कदम उठाए गए हैं. हलफनामा छोडिए ये बताइए कि सड़कों की सफाई के लिए कितनी मशीनें हैं ? आपके पास 69 रोड़ साफ करने वाली मशीनें हैं. क्या ये काफी हैं. दिल्ली सरकार की ओर से पेश राहुल मेहरा ने कहा कि MCD से हलफनामा मांगा जाए. सीजेआई ने इस पर कहा कि आप MCD पर बोझ डाल रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमारे पास ऐसे मामले हैं जहां दिल्ली सरकार ने MCD के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं दिया. ऐसे में हम मजबूर हो जाएंगे कि आपकी कमाई और पॉपुलेरिटी स्लोगन पर खर्च होने वाले पैसे का ऑडिट कराने का आदेश दें.

हरियाणा पंजाब किसानों से बात करें. पराली जलाने से रोकने को कहें. सरकारें सिर्फ कागजात पर कागजात दाखिल करना चाहती हैं. ये और कुछ नहीं बस राजनीति है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. हमें सरकारों से कदमों की उम्मीद थी. मुद्दे हैं पराली जलाना, सड़क की धूल, गाड़ियां. आप सभी समितियों से मिलें और हमें बताएं कि योजना कैसे लागू हो. कल शाम तक बताए.  गैर-जरूरी वाहनों का प्रवेश रोकने और उद्योगों को रोकने जैसे सुझाव पर गौर करें.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज अहम बैठक करेंगे. मेट्रो, परिवहन विभाग और पर्यावरण विभाग के साथ रणनीति तैयार करेंगे. बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए बैठक में फैसले लिए जा सकते हैं.

भाषा के मुताबिक- दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार को लगातार दूसरे दिन ‘बहुत खराब' श्रेणी में रही और यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 342 दर्ज किया गया. गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव और नोएडा में एक्यूआई सुबह नौ बजकर पांच मिनट पर क्रमश: 328, 340, 326 और 328 दर्ज किया गया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रविवार को थोड़ा सुधार दिखा था हालांकि यह ‘बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई थी.