Vikrant Shekhawat : Mar 26, 2021, 03:52 PM
जोधपुर: राजस्थान के जोधपुर पारिवारिक न्यायालय संख्या दो ने एक नाबालिग का बाल विवाह निरस्त किया है। यह विवाह सात साल पहले पांच बहनों के साथ किया गया था। जोधपुर कोर्ट के पीठासीन अधिकारी रूपचंद सुतार ने 8 साल पहले पीपाड़ में पांच बहनों के साथ हुए एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दिए हैं।मामले के अनुसार जोधपुर के पीपाड़ सिटी के सिलरी गांव निवासी नाबालिग लड़की ने न्यायालय में न्याय मित्र राजेंद्र सोनी के माध्यम से पारिवारिक न्यायालय में विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 3 / 1 के तहत प्रार्थना पत्र पेश किया था।प्रार्थना पत्र में उसने बताया कि 23 मई 2013 को उसका विवाह उसकी पांच बहनों के साथ कर दिया था। प्रार्थी उस दौरान कक्षा 9 में पढ़ती थी। उसे विवाह संबंधी कोई जानकारी नहीं थी। माता पिता ने जबरदस्ती महेंद्र नाम के लड़के साथ उसका बाल विवाह करा दिया।2016 में हुआ उसका मुकलावाप्रार्थी केवल 1 दिन ससुराल रहकर अपने पीहर आ गई थी। आरोप है उसका पति अनपढ़ तथा नशेड़ी था। मुकलावे के बाद उसका पति फोन पर वापस ससुराल आने के लिए गाली-गलौज करता था। समाज के कुछ व्यक्तियों द्वारा उस पर वापस ससुराल जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था।प्रार्थी ने विवाह शून्य घोषित करवाने का निवेदन किया। प्रार्थी के पति की ओर से किसी ने भी किसी प्रकार का जवाब नहीं दिया। कोर्ट ने माध्यमिक परीक्षा प्रमाण पत्र में अंकित जन्म दिनांक के आधार पर 7 वर्ष पूर्व हुए विवाह को बाल विवाह मानते हुए विवाह को निरस्त घोषित कर दिया।