देश / दिल्ली में कोविड-19 के चलते अस्पताल में दाखिले पहली लहर की तुलना में 6 गुना कम: जैन

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में इस बार कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज़ों की संख्या महामारी की पहली लहर की तुलना में छह गुना कम है। जैन ने कहा, "डॉक्टरों समेत कुछ स्वास्थ्य कर्मी कोविड-19 से संक्रमित ज़रूर हो गए हैं लेकिन अभी उनकी संख्या बहुत कम है।"

Vikrant Shekhawat : Jan 08, 2022, 01:25 PM
नई दिल्ली: कोरोना की पहली लहर से तुलना करें तो इस बार अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या छह गुना तक कम हुई है। अभी दिल्ली के अस्पतालों में एक हजार से ज्यादा मरीज भर्ती हैं, जिनमें से करीब 900 दिल्ली के हैं। यह जानकारी शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दी।

कुछ दिनों में भी आ सकता है इस लहर का पीक

जैन ने आगे कहा कि दिल्ली में कोरोना की यह पांचवी लहर है और इसका पीक कुछ ही हफ्तों या दिनों में आ सकता है। दिल्ली में कुछ स्वास्थ्य कर्मियों, डाक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने के मामले भी सामने आए हैं। हालांकि, यह संख्या कम है। उन सभी का इलाज़ चल रहा है और उम्मीद है कि वे जल्द ही स्वस्थ होकर वापस लौटेंगे।

गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए अस्पताल तैयार 

जैन ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से गंभीर से गंभीर परिस्थिति से निपटने के लिए सभी संसाधनों, चिकित्सा केंद्रों और अस्पतालों को तैयार रखा गया है। हम सभी लोगों से अनुरोध करते हैं कि गंभीर लक्षण होने पर ही अस्पताल जाएं व मामूली लक्षण नज़र आने पर न घबराएं। होम आइसोलेशन में इलाज़ संभव है। होम आइसोलेशन की अवधि भी अब घटा कर सात दिन कर दी गई है।

तीन दिन तक बुखार नहीं आता है तो टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं

होम आइसोलेशन ख़त्म होने के अगर तीन दिन तक बुखार नहीं आता तो टेस्ट कराने की कोई आवश्कता नहीं है, आप अपने काम पर वापस लौट सकते हैं। जैन ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने कोरोना की रोक-थाम के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। दिल्ली में लाकडाउन नहीं लगा है। निर्माण कार्य पहले की तरह सामान्य रूप से चलता रहेगा। मजदूरों एवं प्रवासी कामगारों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।