Vikrant Shekhawat : Feb 02, 2021, 03:31 PM
राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन में जाट महापंचायत ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए एक अनूठी पहल की है। जिसमें मृत्यु भोज, बाल विवाह, नशा के साथ-साथ डीजे पर भी शादियों में प्रतिबंध लगाया गया है। जाट महापंचायत ने इन बुराइयों पर नजर रखने के लिए 21 लोगों की एक टीम बनाई है। रेगिस्तानी इलाके में, मृत्यु भोज के बाद, बहुत नशा होता है, लेकिन अब महापंचायत ने उन सभी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इस महापंचायत में, चौहटन मठ के महंत जगदीशपुरी, धरमपुरी के धूना पन्नियो, जगरामपुरी सहित सैकड़ों जाट समुदाय ने भाग लिया और समाज में फैली बुराइयों के कारण समाज और व्यक्ति पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को दर्शाते हुए सामाजिक सुधार के निर्णय को पारित किया। ।दरअसल, ग्रामीण इलाकों में जाट समुदाय एक व्यक्ति की मौत पर लाखों रुपये खर्च करता है। गरीब परिवार इस खर्च के लिए कर्ज लेता है और जीवन भर इसे चुकाने में लगा रहता है। इससे पारिवारिक स्थिति बिगड़ती है।बकदेवराम मिर्धा छात्रावास सदस्य देवीलाल ने बताया कि फैसलों की निगरानी के लिए 21 सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समाज द्वारा लिए गए इस निर्णय का न केवल बाड़मेर में बल्कि राजस्थान में भी हर जगह स्वागत हो रहा है।
इस महापंचायत में, चौहटन मठ के महंत जगदीशपुरी, धरमपुरी के धूना पन्नियो, जगरामपुरी सहित सैकड़ों जाट समुदाय ने भाग लिया और समाज में फैली बुराइयों के कारण समाज और व्यक्ति पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को दर्शाते हुए सामाजिक सुधार के निर्णय को पारित किया। ।दरअसल, ग्रामीण इलाकों में जाट समुदाय एक व्यक्ति की मौत पर लाखों रुपये खर्च करता है। गरीब परिवार इस खर्च के लिए कर्ज लेता है और जीवन भर इसे चुकाने में लगा रहता है। इससे पारिवारिक स्थिति बिगड़ती है।बकदेवराम मिर्धा छात्रावास सदस्य देवीलाल ने बताया कि फैसलों की निगरानी के लिए 21 सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समाज द्वारा लिए गए इस निर्णय का न केवल बाड़मेर में बल्कि राजस्थान में भी हर जगह स्वागत हो रहा है।