देश / गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण, पीएम मोदी पर राहुल गांधी ने फिर किया शायराना तंज

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद से पारित श्रम सुधारों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने ट्वीट कर सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों के बाद मजदूरों पर वार किया गया है। गांधी ने एक अखबार की तस्वीर के साथ ट्वीट किया और कहा कि ‘मोदी जी का शासन यही है।’ राहुल गांधी ने शायराना तंज हस्ते हुए लिखा, ‘किसानों के बाद मज़दूरों पर वार।

Jansatta : Sep 24, 2020, 03:02 PM
नई दिल्ली | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद से पारित श्रम सुधारों से जुड़े तीन विधेयकों को लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने ट्वीट कर सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों के बाद मजदूरों पर वार किया गया है। गांधी ने एक अखबार की तस्वीर के साथ ट्वीट किया और कहा कि ‘मोदी जी का शासन यही है।’

राहुल गांधी ने शायराना तंज हस्ते हुए लिखा, ‘किसानों के बाद मज़दूरों पर वार। गरीबों का शोषण, ‘मित्रों’ का पोषण, यही है बस मोदी जी का शासन।’ संसद ने बुधवार को तीन प्रमुख श्रम सुधार विधेयकों को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने बुधवार को उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020 और सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को मंजूरी दी, जिनके तहत कंपनियों को बंद करने की बाधाएं खत्म होंगी और अधिकतम 300 कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकार की इजाजत के बिना कर्मचारियों को हटाने की अनुमति होगी।

इससे पहले इन तीनों विधेयकों को मंगलवार को लोकसभा में पारित किया था। राहुल के अलावा इसपर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका ने लिखा ‘‘इस कठिन समय की मांग है कि किसी की नौकरी न जाए। सबकी आजीविका सुरक्षित रहे। भाजपा सरकार की प्राथमिकता देखिए। सरकार अब ऐसा कानून लाई है जिसमें कर्मचारियों को नौकरी से निकालना आसान हो गया है। वाह रे सरकार, आसान कर दिया अत्याचार।’’

विधेयकों के पास होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि ये सुधार परिश्रमी मजदूरों का हित सुनिश्चित करेंगे और आर्थिक विकास को मजबूती देंगे। पीएम मोदी ने कहा कि नई श्रम संहिता न्यूनतम वेतन और समय पर भुगतान को सर्वव्यापी बनाती है और मजदूरों की पेशागत सुरक्षा को प्राथमिकता देती है।

बता दें राहुल इससे पहले कृषि संबंधी विधेयकों पर भी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि किसानों को जड़ से साफ करके कुछ पूंजीपतियों का विकास करने का प्रयास हो रहा है।