Vikrant Shekhawat : Aug 16, 2019, 09:25 PM
राजस्थान के कई जिलों में बारिश के चलते हालात बदतर होते जा रहे हैं। वर्षाजनित हादसों के चलते पाली में तीन, जोधपुर में दो और उदयपुर में एक दंपत्ती की मौत के समाचार अब तक सामने आए हैं। हाड़ौती में बाढ़ के चलते सेना बुलाई गई है। पड़ोसी मध्यप्रदेश में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं। सभी जगह प्रशासन अपने स्तर पर प्रयासों में जुटा है, लेकिन तेज बारिश के चलते स्थानीय जनजीवन अस्त—व्यस्त हो रहा है। पाली के जिला कलक्टर के अनुसार पाली शहर में 340 एमएम बारिश और रानी में 304 एमएम बारिश हुई है।
पाली, जालोर और जोधपुर में लगातार दो दिन से हो रही बारिश से बने हालातों के बाद कलक्टर ने 17 अगस्त का भी विद्यालयों में सरकारी अवकाश रखने के आदेश दिए हैं। जवाई बांध का स्तर करीब 27 फीट पहुंच गया है और उसमें लगातार तेज आवक जारी है। इससे किसानों और जलसंकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिली है। जवाई बांध के पूरा भरने की उम्मीद जालोर जिले के किसान भी लगाए हैं ताकि उनकी खेती तो संजीवनी मिल सके। जालोर में लगातार बारिश से खेतों में जलभराव है, हालांकि वहां पर स्थिति इतनी विकट नहीं है, लेकिन प्रशासन फिर भी स्थिति पर नजर बनाए हैं। बस और ट्रेन फंसी
राजस्थान के कोटा, बारां और पाली व उदयपुर जिलों में बारिश का कहर है। कोटा, बारां व पाली जिलों में बाढ़ है। जिले की कोटड़ा तहसील के नयावास ग्राम पंचायत के गांव वेराकातरा में शुक्रवार को कच्चा मकान ढह गया। वहां सो रहे अधेड़ पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। बारां के केलवाड़ा में गुरुवार को बहे व्यक्ति का शव शुक्रवार को मिल गया। जिले के कवाई में 33 यात्रियों से भरी एक बस पानी में फंस गई। यात्रियों को शुक्रवार सुबह रेस्क्यू कर निकाला गया। जिले में कालीसिंध, पार्वती और परवन उफान पर हैं। बारां का राज्य से संपर्क कटा हुआ है। जिला कलक्टर के अनुसार जिले आर्मी को बुलाया गया है। लहसी बांध से पानी छोड़ने और वर्षा जारी रहने के तहत एहतियातन ये कदम लिया गया है। कोटा में चंबल के सभी बांध लबालब हैं। कोटा के कैथून कस्बे में करीब पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। कस्बा टापू बन गया है। जयपुर में भी तीन दिन से रुक-रुक बारिश जारी है। लूनी के समीप रेलवे ट्रेक खराब होने के चलते पाली में एक ट्रेन में यात्री फंस गए, जिला कलक्टर के अनुसार यहां पर स्थानीय स्तर पर उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। कोटा बैराज के 13 गेट पांच-पांच फीट तक खोलकर 90 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। वहीं झालावाड़ में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां भी बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कालीसिंध के 11 गेट खोलकर ढाई लाख क्यूसेक पानी निकाला गया। इस बची एक अच्छी खबर भी है। बीसलपुर बांध से इस बार जयपुर, अजमेर व टोंक जिले को भरपूर पानी मिलेगा। आसपास हो रही बरसात से बांध का गेज बढ़कर 311.30 आरएमएम हो गया है। त्रिवेणी का गेज 7 मीटर से ज्यादा चल रहा है। यहां प्रति घंटे 5 सेंटीमीटर पानी की आवक हो रही है।
बारां अटरू क्षेत्र में बीते 36 घंटों से हो रही लगातार बारिश से परवन, पार्वती, ल्हासी, भूपसी, नदिया व नाले उफान पर है। अटरू के 3 किलोमीटर दूर किशनपुरा बांध पर पार्वती नदी का विकराल तांडव रूप देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े पेड़, पशु बहे हैं। अटरू के किशनपुरा में बांध में 14 फिट पानी तथा देंगनी स्थित पुलिया पर 20 फिट पानी चल रहा है। नदी के विकराल रूप के चलते लगभग 20 गांव टापू बन गए हैं।
मध्यप्रदेश से लगते प्रदेश के बारां जिले में हालात खराब हैं। जिले की तीनों प्रमुख नदियों के उफान पर होने से बाढ़ के हालात हैं। कवाई में गुरूवार दोपहर खजुरिया डैम के गेट खोलने से कवाई सहित आस-पास के क्षेत्र में बाढ आ गई। इलाक़े के घाघोनिया, मुकन्दपुरा, फुलबड़ौद, कवाई टापू बन गए। ल्हासी व चरख नाले के बीच 33 यात्रियों को ले जा रही एक निजी बस फंस गई। सिविल डिफेंस टीम वहां पहुंची लेकिन उनकी बोट ही पानी में बह गए। बस रातभर फंसी रही और सभी ने भूखे-प्यासे रहकर रात गुजारी। करीब 15 घंटे के बाद शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सभी पीड़ितों को सकुशल निकाला।
कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में पिछले दो दिन से मुसलाधार बारिश हो रही है। छीपाबड़ौद तहसील के खजुरिया डैम से करीब 13500 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। अचानक ल्हासी नदी व चरस खाल्ल (नाले) का जलस्तर बढ़ गया। इससे दो बसें अंधेरी व ल्हासी नदी के बीच फंस गई जिन्हें मुकन्दपुरा गांव के लोगों ने संभाल लिया। साथ ही खानपुर-छबड़ा जाने वाली हाड़ा बस ल्हासी व चरस खाल्ल के बीच फसी गई। बस में 5 बच्चे, 10 महिलाएं एवं 18 पुरुष सवार थे।
वहीं गुरुवार को राजेंद्र मेघवाल अपनी पत्नी और आठ साल की बेटी हिना के साथ राखी मनाने मंडावरी गांव जा रहा था। हीरान गांव के नाले में हिना बह गई जिसका शव रेस्क्यू टीम ने निकाल लिया। अटरू में एक कच्चा मकान झह जाने से एक बच्ची की मौत हो गई। छीपाबड़ौद के तूमड़ा गांव में खेत पर गए मां बेटे बाढ़ में फंस गए। जिन्हें रात को निकाल लिया गाय। बारां के जिला कलक्टर इंद्र सिंह राव ने जिले में भारी वर्षा के चलते सभी विद्यालयों मैं 16 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। मौसम विभाग की और से जिले सहित हाड़ौती भर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।पाली जिले में बाली के कोटबालियान पंचायत के टिपरी गांव में फीडर में बहने से एक महिला की मौत हो गई। दो लोगों की मौत रोहट इलाके में होने की जानकारी मिली है। भीलवाड़ा के शाहपुरा क्षेत्र में स्थित समेलिया खाल में आ रहे उफान में तीन लोगों सवार एक जीप बह गई। यहां भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, नागौर तथा पाली में केवल शुक्रवार को भारी बारी की चेतावनी जारी की है। वहीं धौलपुर, भीलवाड़ा, करौली, सवाईमाधोपुर व टोंक में दो दिन तथा अलवर, जयपुर, सीकर व झुंझुनूं में तीन दिन बारिश की चेतावनी है। इसमें अजमेर, अलवर भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर करौली, कोटा राजसमंद, सिरोही, टोंक में भारी से भारी बारिश की चेतावनी है तो पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, नागौर व पाली में भारी से भारी बारिश की रेड वार्निंग दी गई है यानी यहां ज्यादा एहतियात बरतने को कहा गया है।
पाली, जालोर और जोधपुर में लगातार दो दिन से हो रही बारिश से बने हालातों के बाद कलक्टर ने 17 अगस्त का भी विद्यालयों में सरकारी अवकाश रखने के आदेश दिए हैं। जवाई बांध का स्तर करीब 27 फीट पहुंच गया है और उसमें लगातार तेज आवक जारी है। इससे किसानों और जलसंकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिली है। जवाई बांध के पूरा भरने की उम्मीद जालोर जिले के किसान भी लगाए हैं ताकि उनकी खेती तो संजीवनी मिल सके। जालोर में लगातार बारिश से खेतों में जलभराव है, हालांकि वहां पर स्थिति इतनी विकट नहीं है, लेकिन प्रशासन फिर भी स्थिति पर नजर बनाए हैं। बस और ट्रेन फंसी
राजस्थान के कोटा, बारां और पाली व उदयपुर जिलों में बारिश का कहर है। कोटा, बारां व पाली जिलों में बाढ़ है। जिले की कोटड़ा तहसील के नयावास ग्राम पंचायत के गांव वेराकातरा में शुक्रवार को कच्चा मकान ढह गया। वहां सो रहे अधेड़ पति-पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई। बारां के केलवाड़ा में गुरुवार को बहे व्यक्ति का शव शुक्रवार को मिल गया। जिले के कवाई में 33 यात्रियों से भरी एक बस पानी में फंस गई। यात्रियों को शुक्रवार सुबह रेस्क्यू कर निकाला गया। जिले में कालीसिंध, पार्वती और परवन उफान पर हैं। बारां का राज्य से संपर्क कटा हुआ है। जिला कलक्टर के अनुसार जिले आर्मी को बुलाया गया है। लहसी बांध से पानी छोड़ने और वर्षा जारी रहने के तहत एहतियातन ये कदम लिया गया है। कोटा में चंबल के सभी बांध लबालब हैं। कोटा के कैथून कस्बे में करीब पांच फीट तक पानी भरा हुआ है। कस्बा टापू बन गया है। जयपुर में भी तीन दिन से रुक-रुक बारिश जारी है। लूनी के समीप रेलवे ट्रेक खराब होने के चलते पाली में एक ट्रेन में यात्री फंस गए, जिला कलक्टर के अनुसार यहां पर स्थानीय स्तर पर उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। कोटा बैराज के 13 गेट पांच-पांच फीट तक खोलकर 90 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। वहीं झालावाड़ में भी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यहां भी बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कालीसिंध के 11 गेट खोलकर ढाई लाख क्यूसेक पानी निकाला गया। इस बची एक अच्छी खबर भी है। बीसलपुर बांध से इस बार जयपुर, अजमेर व टोंक जिले को भरपूर पानी मिलेगा। आसपास हो रही बरसात से बांध का गेज बढ़कर 311.30 आरएमएम हो गया है। त्रिवेणी का गेज 7 मीटर से ज्यादा चल रहा है। यहां प्रति घंटे 5 सेंटीमीटर पानी की आवक हो रही है।
बारां अटरू क्षेत्र में बीते 36 घंटों से हो रही लगातार बारिश से परवन, पार्वती, ल्हासी, भूपसी, नदिया व नाले उफान पर है। अटरू के 3 किलोमीटर दूर किशनपुरा बांध पर पार्वती नदी का विकराल तांडव रूप देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े पेड़, पशु बहे हैं। अटरू के किशनपुरा में बांध में 14 फिट पानी तथा देंगनी स्थित पुलिया पर 20 फिट पानी चल रहा है। नदी के विकराल रूप के चलते लगभग 20 गांव टापू बन गए हैं।
मध्यप्रदेश से लगते प्रदेश के बारां जिले में हालात खराब हैं। जिले की तीनों प्रमुख नदियों के उफान पर होने से बाढ़ के हालात हैं। कवाई में गुरूवार दोपहर खजुरिया डैम के गेट खोलने से कवाई सहित आस-पास के क्षेत्र में बाढ आ गई। इलाक़े के घाघोनिया, मुकन्दपुरा, फुलबड़ौद, कवाई टापू बन गए। ल्हासी व चरख नाले के बीच 33 यात्रियों को ले जा रही एक निजी बस फंस गई। सिविल डिफेंस टीम वहां पहुंची लेकिन उनकी बोट ही पानी में बह गए। बस रातभर फंसी रही और सभी ने भूखे-प्यासे रहकर रात गुजारी। करीब 15 घंटे के बाद शुक्रवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सभी पीड़ितों को सकुशल निकाला।
कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में पिछले दो दिन से मुसलाधार बारिश हो रही है। छीपाबड़ौद तहसील के खजुरिया डैम से करीब 13500 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। अचानक ल्हासी नदी व चरस खाल्ल (नाले) का जलस्तर बढ़ गया। इससे दो बसें अंधेरी व ल्हासी नदी के बीच फंस गई जिन्हें मुकन्दपुरा गांव के लोगों ने संभाल लिया। साथ ही खानपुर-छबड़ा जाने वाली हाड़ा बस ल्हासी व चरस खाल्ल के बीच फसी गई। बस में 5 बच्चे, 10 महिलाएं एवं 18 पुरुष सवार थे।
वहीं गुरुवार को राजेंद्र मेघवाल अपनी पत्नी और आठ साल की बेटी हिना के साथ राखी मनाने मंडावरी गांव जा रहा था। हीरान गांव के नाले में हिना बह गई जिसका शव रेस्क्यू टीम ने निकाल लिया। अटरू में एक कच्चा मकान झह जाने से एक बच्ची की मौत हो गई। छीपाबड़ौद के तूमड़ा गांव में खेत पर गए मां बेटे बाढ़ में फंस गए। जिन्हें रात को निकाल लिया गाय। बारां के जिला कलक्टर इंद्र सिंह राव ने जिले में भारी वर्षा के चलते सभी विद्यालयों मैं 16 अगस्त का अवकाश घोषित किया है। मौसम विभाग की और से जिले सहित हाड़ौती भर में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।पाली जिले में बाली के कोटबालियान पंचायत के टिपरी गांव में फीडर में बहने से एक महिला की मौत हो गई। दो लोगों की मौत रोहट इलाके में होने की जानकारी मिली है। भीलवाड़ा के शाहपुरा क्षेत्र में स्थित समेलिया खाल में आ रहे उफान में तीन लोगों सवार एक जीप बह गई। यहां भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर, नागौर तथा पाली में केवल शुक्रवार को भारी बारी की चेतावनी जारी की है। वहीं धौलपुर, भीलवाड़ा, करौली, सवाईमाधोपुर व टोंक में दो दिन तथा अलवर, जयपुर, सीकर व झुंझुनूं में तीन दिन बारिश की चेतावनी है। इसमें अजमेर, अलवर भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर करौली, कोटा राजसमंद, सिरोही, टोंक में भारी से भारी बारिश की चेतावनी है तो पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, नागौर व पाली में भारी से भारी बारिश की रेड वार्निंग दी गई है यानी यहां ज्यादा एहतियात बरतने को कहा गया है।