जयपुर. हाईकोर्ट ने कोविड: 19 के संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गाइडलाइन के विपरीत जाकर खाटूश्यामजी मंदिर खोलकर कुछ लोगों को दर्शन करवाने पर केन्द्र सरकार सहित राज्य के सीएस, सीकर जिला कलेक्टर तथा एसपी और दांतारामगढ़ के एसएचओ सहित मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से जवाब देने के लिए कहा है।
पीआईएल में कहा-आर्थिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मंदिर खोला
सीजे इन्द्रजीत महान्ति तथा जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश अमित वशिष्ठ की पीआईएल पर दिया। पीआईएल में कहा कि कोविड: 19 के चलते केन्द्र और राज्य सरकार ने कई गाइडलाइन बनाई थीं। इसके चलते धार्मिक स्थलों को भी बंद रखने के लिए कहा था। फिर भी खाटूश्याम मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने खुद के आर्थिक उद्देश्यों के लिए पिछले दिनों मंदिर को खोला और कुछ दर्शनार्थियों से रुपए लेकर उन्हें मंदिर में दर्शन करवाए। इस घटना के संबंध में पिछले दिनों वीडियो भी वायरल हुआ था।
वीडियो में कुछ लोगों को मंदिर में मास्क लगाकर दर्शन करते हुए दिखाया है। पीआईएल में कहा कि प्रार्थी ने केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा-निर्देश पर भरोसा जताकर उनका पालन किया है लेकिन मंदिर प्रशासन के पदाधिकारियों ने दिशा-निर्देश की पालना नहीं की। मंदिर प्रशासन ने न केवल गाइडलाइन्स का उल्लंघन किया बल्कि लोगों के जीवन को भी खतरे में डाला।
ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौरान नियमों के विपरीत जाकर मंदिर खोलने पर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही मंदिर परिसर को सेनेटाइज करते हुए भविष्य में मंदिर विधिवत खोलने के स्थिति में हर भक्त का कोविड टेस्ट अनिवार्य किया जाए। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार सहित संबंधित अफसरों को जवाब देने के लिए कहा।