Vikrant Shekhawat : Aug 18, 2023, 05:56 PM
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेटियों की सुरक्षा को लेकर सख्त हैं. उनका एक नया फरमान इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. मुख्यमंत्री का फरमान यह है कि अगर राज्य में किसी भी लड़के के खिलाफ लड़कियों को छेड़ने की शिकायत मिलती है तो उसे सरकारी नौकरी से वंचित कर दिया जाएगा, मतलब वह कभी सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म तक नहीं भर पाएगा. बकायदा इन लड़कों का पुलिस थानों में हिस्ट्रीशीटरों की तरह रिकॉर्ड रखा जाएगा. राज्य सरकार और पुलिस द्वारा जारी किए जाने वाले इनके चरित्र प्रमाण पत्र पर यह अंकित भी किया जाएगा.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस फैसले से एक तरफ जहां लड़कियों में खुशी का माहौल है तो वहीं लड़के थोड़ा उदास हैं. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के इस फैसले का समाज और लड़कों के करियर पर गलत असर पड़ेगा. द्वेष भावना के चलते भी कभी-कभी गलत केसों में भी फंसा दिया जाता है. अब इस तरह का फरमान आएगा तो उनका करियर भी खराब हो जाएगा.वहीं अपने बयान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मनचलों और छेड़छाड़ करने वालों के बारे में राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बालिकाओं एवं महिलाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म के प्रयास एवं दुष्कर्म के आरोपियों एवं मनचलों को सरकारी नौकरियों से प्रतिबंधित किया जाएगा. इसके लिए मनचलों का भी पुलिस थानों में हिस्ट्रीशीटरों की तरह रिकॉर्ड रखा जाएगा. इस रिकॉर्ड को उनके चरित्र प्रमाण पत्र पर यह अंकित भी किया जाएगा.सरकार का यह फैसला चुनावी ड्रामा- BJPवहीं बीजेपी ने इसे राजस्थान सरकार का चुनावी ड्रामा करार दिया है. बीजेपी के पूर्वे प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि ये महज एक चुनावी ड्रामा है. साढ़े चार साल तक राज्य में अपराध चरम पर रहा. महिलाओं के साथ दुष्कर्म और अन्य अपराध होते रहे, लेकिन सरकार कभी नहीं चेती. आज जब चुनाव सिर पर है तो इन्हें सबकुछ याद आ रहा है. पहले जब महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही थी तो अशोक गहलोत चुप्पी साधे रहते थे.महिला अपराधों को रोकना उनकी प्राथमिकता- CM अशोक गहलोतवहीं बीजेपी के हमलों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब देते हुए कहा कि महिला अपराधों को रोकना उनकी प्राथमिकता है. प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा उनके जिम्मे है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भीलवाड़ा और जोधपुर में हुई घटनाओं को लेकर बीजेपी घटिया राजनीति कर रही है. बीजेपी को भी पता है कि राजस्थान चुनाव में उनकी दाल नहीं गलने वाली है. इस वजह से वह बेवजह के मुद्दे उठा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले को बेवजह राजनीतिक स्वार्थों के चलते तूल देने की कोशिश कर रहे हैं.