Vikrant Shekhawat : Jun 13, 2022, 09:06 PM
स्टॉकहोम स्थित रक्षा थिंक टैंक SIPRI ने सोमवार को दावा किया कि जनवरी 2022 तक भारत के पास 160 परमाणु हथियार थे और ऐसा लगता है कि वह अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने एक बयान में कहा कि इसी तरह, पाकिस्तान भी अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है। SIPRI के बयान में कहा गया है, "चीन पहले से ही अपने परमाणु हथियार शस्त्रागार के विस्तार में लगा है। सेटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि इसमें 300 से अधिक नए मिसाइल साइलो का निर्माण शामिल है।" जनवरी 2021 के साथ-साथ जनवरी 2022 में चीन के पास 350 परमाणु हथियार थे।
यह दावा किया गया है कि जहां भारत का परमाणु भंडार जनवरी 2021 में 156 से बढ़कर जनवरी 2022 में 160 हो गया, वहीं पाकिस्तान का परमाणु भंडार जनवरी 2021 और जनवरी 2022 में 165 पर बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया, "भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करते हुए दिखाई देते हैं, और दोनों देशों ने 2021 में नए प्रकार के परमाणु वितरण प्रणाली की शुरुआत की और इसे विकसित करना जारी रखा।"
परमाणु शक्ति से लैस अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, 4 हजार किमी तक करेगी वारआने वाले वर्षों में दुनिया के परमाणु हथियारों के भंडार में वृद्धि होने की आशंका है जिसमें शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद से गिरावट देखी गई थी। यह बात हथियारों की निगरानी करने वाली एक संस्था ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने सोमवार को कही। एसआईपीआरआई ने कहा कि परमाणु हथियार सम्पन्न सभी नौ देश अपने शस्त्रागारों को बढ़ा रहे हैं या उसे उन्नत कर रहे हैं।एसआईपीआरआई के सामूहिक विनाश के हथियार कार्यक्रम के शोधकर्ता और फेडरेशन आफ अमेरिकन साइंटिस्ट में परमाणु सूचना परियोजना के निदेशक हैंस एम. क्रिस्टेंसन ने कहा, ‘‘इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद से दिखी वैश्विक परमाणु शस्त्रों में कमी लाने की प्रवृत्ति समाप्त हो गई है।’’दुनिया के 90 प्रतिशत परमाणु हथियार रखने वाले अमेरिका और रूस के शस्त्र भंडार में वर्षों पहले सैन्य सेवा से हटाये जाने वाले आयुधों को नष्ट किये जाने के कारण 2021 में गिरावट आयी थी। एसआईपीआरआई ने कहा कि उनके उपयोग योग्य सैन्य भंडार अपेक्षाकृत स्थिर रहे और परमाणु हथियारों में कमी की संधि द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर रहे।अनुसंधान संस्थान ने कहा कि अन्य परमाणु सम्पन्न देश- ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया - या तो नयी हथियार प्रणालियां विकसित कर रहे हैं या तैनात कर रहे हैं, या ऐसा करने के अपने इरादे की घोषणा कर चुके हैं। इजराइल ने इस तरह के हथियार होने की बात कभी भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं की है।एसआईपीआरआई के सामूहिक विनाश के शस्त्र कार्यक्रम के निदेशक विल्फ्रेड वान ने कहा, ‘‘सभी परमाणु हथियार सम्पन्न देश अपने शस्त्रागार को बढ़ा रहे हैं या उन्नत कर रहे हैं। यह बहुत ही चिंताजनक प्रवृत्ति है।’’
यह दावा किया गया है कि जहां भारत का परमाणु भंडार जनवरी 2021 में 156 से बढ़कर जनवरी 2022 में 160 हो गया, वहीं पाकिस्तान का परमाणु भंडार जनवरी 2021 और जनवरी 2022 में 165 पर बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया, "भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार करते हुए दिखाई देते हैं, और दोनों देशों ने 2021 में नए प्रकार के परमाणु वितरण प्रणाली की शुरुआत की और इसे विकसित करना जारी रखा।"
परमाणु शक्ति से लैस अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण, 4 हजार किमी तक करेगी वारआने वाले वर्षों में दुनिया के परमाणु हथियारों के भंडार में वृद्धि होने की आशंका है जिसमें शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद से गिरावट देखी गई थी। यह बात हथियारों की निगरानी करने वाली एक संस्था ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने सोमवार को कही। एसआईपीआरआई ने कहा कि परमाणु हथियार सम्पन्न सभी नौ देश अपने शस्त्रागारों को बढ़ा रहे हैं या उसे उन्नत कर रहे हैं।एसआईपीआरआई के सामूहिक विनाश के हथियार कार्यक्रम के शोधकर्ता और फेडरेशन आफ अमेरिकन साइंटिस्ट में परमाणु सूचना परियोजना के निदेशक हैंस एम. क्रिस्टेंसन ने कहा, ‘‘इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद से दिखी वैश्विक परमाणु शस्त्रों में कमी लाने की प्रवृत्ति समाप्त हो गई है।’’दुनिया के 90 प्रतिशत परमाणु हथियार रखने वाले अमेरिका और रूस के शस्त्र भंडार में वर्षों पहले सैन्य सेवा से हटाये जाने वाले आयुधों को नष्ट किये जाने के कारण 2021 में गिरावट आयी थी। एसआईपीआरआई ने कहा कि उनके उपयोग योग्य सैन्य भंडार अपेक्षाकृत स्थिर रहे और परमाणु हथियारों में कमी की संधि द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर रहे।अनुसंधान संस्थान ने कहा कि अन्य परमाणु सम्पन्न देश- ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया - या तो नयी हथियार प्रणालियां विकसित कर रहे हैं या तैनात कर रहे हैं, या ऐसा करने के अपने इरादे की घोषणा कर चुके हैं। इजराइल ने इस तरह के हथियार होने की बात कभी भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं की है।एसआईपीआरआई के सामूहिक विनाश के शस्त्र कार्यक्रम के निदेशक विल्फ्रेड वान ने कहा, ‘‘सभी परमाणु हथियार सम्पन्न देश अपने शस्त्रागार को बढ़ा रहे हैं या उन्नत कर रहे हैं। यह बहुत ही चिंताजनक प्रवृत्ति है।’’