Vikrant Shekhawat : Jun 01, 2021, 07:52 AM
नई दिल्ली: राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3 प्रतिशत रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9.5 प्रतिशत से कम है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7.42 प्रतिशत था।निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपये बैठता है जो प्रतिशत में जीडीपी का 9.3 प्रतिशत है। सरकार ने फरवरी 2020 में पेश बजट में 2020-21 के लिये शुरू में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा अनुमान को संशोधित कर 9.5 प्रतिशत यानी 18,48,655 करोड़ रुपये कर दिया गया। कोविड-19 महामारी और राजस्व प्राप्ति में कमी को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया। वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.6 प्रतिशत रहा था। मुख्य रूप से राजस्व कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है।