AajTak : Aug 28, 2020, 07:09 AM
Delhi: देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। हर रोज हजारों की संख्या में नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हो रही है। वहीं दुनिया में कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन की खोज भी की जा रही है। इस बीच इंटास फार्मा देश की पहली प्लाज्मा थेरेपी वैक्सीन के लिए एक महीने में ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत करने जा रहा है।
दुनिया में कोरोना वायरस का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है। इसके लिए कई देश कोरोना वायरस के वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। कई देश कोरोना वैक्सीन बना लेने का दावा भी कर रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस के इलाज के तौर पर प्लाज्मा थेरेपी को भी काफी कारगर माना गया है। इस बीच अब देश की नामी दवा कंपनियों में से एक इंटास फार्मास्युटिकल ने प्लाज्मा थेरेपी के समान वैक्सीन विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। कंपनी का दावा है कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद मरीज को कोविड-19 के लिए प्लाज्मा थेरेपी देने की जरूरत नहीं होगी।
पहली दवाइंटास मेडिकल एंड रेग्युलेटरी अफेर्स के हेड डॉ आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि देश में कोरोना की बिमारी के लिए इस तरह की यह पहली दवा बनाई जा रही है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है। इस दवाई हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन (Hyperimmune Globullin) को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) की और से कोविड-19 के इलाज के लिए ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है। इसके लिए गुजरात और देश की अन्य कोविड स्पेशलाइज हॉस्पिटल के साथ क्लिनिकल ट्रायल किए जाएंगे।डॉ चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें अंदाजन 300mg प्लाज्मा दिया जाता है। हालांकि इसका मरीज पर कैसा असर होता है, वो अभी भी स्पष्ट नहीं है। जहां हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन 30mg डोज ही किसी भी कोविड मरीज के लिए काफी है। यह अब तक के ट्रायल में साबित हो गया है।डॉ चतुर्वेदी का यह भी कहना है कि अगले एक महीने के अंदर इस दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो जाएगा। ये दवा ह्यूमन प्लाजा से ही बनी है, इस कारण इसका नतीजा एक महीने के अंदर सामने आ जाएगा। दवा के लिए सर्टिफिकेट लेना और उसे बनाने की पूरी प्रकिया में और तीन महिने का वक्त लगेगा। जिसके बाद यह मार्केट में आ पाएगी।
क्या है हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन?आमतौर पर जब भी इंसान के शरीर में किसी भी तरह का वायरस आता है तो उसके ब्लड में इस वायरस से लड़ने के लिए सेल बनते हैं। जिसे इम्युनिटी डेवलपमेंट कहा जाता है। कोरोना जैसे वायरस के सामने लड़ने में कई बार इम्युन सिस्टम के डेवलप होने में देर लगती है। ऐसे लोगों को प्लाजा थेरेपी दी जाती है ताकि इम्युनिटी जल्दी डेवलप हो जाए। इसी आधार पर इंटास फार्मा ने इस तरहा की हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन दवा बनाई है।
दुनिया में कोरोना वायरस का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है। इसके लिए कई देश कोरोना वायरस के वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। कई देश कोरोना वैक्सीन बना लेने का दावा भी कर रहे हैं। वहीं कोरोना वायरस के इलाज के तौर पर प्लाज्मा थेरेपी को भी काफी कारगर माना गया है। इस बीच अब देश की नामी दवा कंपनियों में से एक इंटास फार्मास्युटिकल ने प्लाज्मा थेरेपी के समान वैक्सीन विकसित करने का काम शुरू कर दिया है। कंपनी का दावा है कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद मरीज को कोविड-19 के लिए प्लाज्मा थेरेपी देने की जरूरत नहीं होगी।
पहली दवाइंटास मेडिकल एंड रेग्युलेटरी अफेर्स के हेड डॉ आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि देश में कोरोना की बिमारी के लिए इस तरह की यह पहली दवा बनाई जा रही है। यह पूरी तरह से स्वदेशी है। इस दवाई हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन (Hyperimmune Globullin) को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीजीसीआई) की और से कोविड-19 के इलाज के लिए ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है। इसके लिए गुजरात और देश की अन्य कोविड स्पेशलाइज हॉस्पिटल के साथ क्लिनिकल ट्रायल किए जाएंगे।डॉ चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें अंदाजन 300mg प्लाज्मा दिया जाता है। हालांकि इसका मरीज पर कैसा असर होता है, वो अभी भी स्पष्ट नहीं है। जहां हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन 30mg डोज ही किसी भी कोविड मरीज के लिए काफी है। यह अब तक के ट्रायल में साबित हो गया है।डॉ चतुर्वेदी का यह भी कहना है कि अगले एक महीने के अंदर इस दवा का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो जाएगा। ये दवा ह्यूमन प्लाजा से ही बनी है, इस कारण इसका नतीजा एक महीने के अंदर सामने आ जाएगा। दवा के लिए सर्टिफिकेट लेना और उसे बनाने की पूरी प्रकिया में और तीन महिने का वक्त लगेगा। जिसके बाद यह मार्केट में आ पाएगी।
क्या है हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन?आमतौर पर जब भी इंसान के शरीर में किसी भी तरह का वायरस आता है तो उसके ब्लड में इस वायरस से लड़ने के लिए सेल बनते हैं। जिसे इम्युनिटी डेवलपमेंट कहा जाता है। कोरोना जैसे वायरस के सामने लड़ने में कई बार इम्युन सिस्टम के डेवलप होने में देर लगती है। ऐसे लोगों को प्लाजा थेरेपी दी जाती है ताकि इम्युनिटी जल्दी डेवलप हो जाए। इसी आधार पर इंटास फार्मा ने इस तरहा की हाइपरिम्युन ग्लोब्युलिन दवा बनाई है।