नई दिल्ली. 15 जून को हुई गलवान घाटी की घटना (Galwan Valley Violent Clash) के दो महीने बाद अब इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (Indo-Tibet Border Police-ITBP) ने उस हिंसक झड़प के बारे में जानकारी दी है. आईटीबीपी ने कहा है कि गलवान हिंसक झड़प के दौरान उसके सैनिक 17 से 20 घंटे तक चीनियों (PLA) से लोहा लेते रहे थे. चीनी सैनिकों को ITBP के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. बेहद ऊंचाई वाली जगहों का अनुभव होने की वजह से पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को चीनी सैनिकों को तगड़ा जवाब देने में मदद मिली.
हर फ्रंट पर चीनियों का जवानों ने दिया जवाब
आईटीबीपी की तरफ से कहा गया है-हमारे जवानों ने चीनी सैनिकों को हर फ्रंट पर जवाब दिया. कुल 294 आईटीबीपी जवानों को डायरेक्टर जनरल प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है. साथ ही 21 जवानों का नाम वीरता पुरस्कार के लिए सरकार के पास भेजा गया है.
वीरता पुरस्कार के लिए भेजे गए 21 जवानों के नाम
गलवान की घटना के बाद पहली बार जारी किए गए आधिकारिक बयान में ITBP ने बताया है कि जवानों ने न सिर्फ खुद को बचाने की भरपूर कोशिश की बल्कि चीनी सैनिको को मुंहतोड़ जवाब देकर पीछे धकेला. इस घटना में शामिल बल के 21 जवानों के नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजे गए हैं
20 जवानों की हुई थी शहादत
गलवान घाटी की घटना में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत हुई थी. चीन ने भी स्वीकार किया है कि उसे भी इस हिंसक झड़प में नुकसान हुआ. हालांकि चीन की तरफ से सैनिकों की संख्या नहीं बताई गई है.
भेजे गए कई और नाम
आईटीबीपी ने बताया है कि नक्सल विरोधी ऑपरेशन के लिए भी 6 जवानों को डायरेक्टर जनरल प्रशस्ति पत्र दिया गया है. साथ ही 318 आईटीबीपी के जवानों और 40 सीएपीएफ के जवानों के नाम गृह मंत्री स्पेशल ऑपरेशन्स मेडल के लिए भी भेजे गए हैं. ये नाम कोरोना महामारी के खिलाफ जवानों के योगदान को लेकर भेजे गए हैं. गौरतलब है कि आईटीबीपी दिल्ली में 10 हजार बेड का कोविड केयर सेंटर ऑपरेट कर रही है.
घटना के बाद भारत ने चीन को दिया स्पष्ट संदेश
गौरतलब है कि गलवान घाटी की के बाद भारत ने चीन के खिलाफ बेहद आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. बीते दो महीने के बाद तकरीबन हर फ्रंट पर भारत की तरफ से चीन को स्पष्ट संदेश दिया गया है. भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर 59 चीनी ऐप्स को बैन करने का कदम भी उठाया गया है.