जोधपुर जेल का मामला / नाबालिग से कुकर्म करने वाले कैदी के गुप्तांग से निकले इतने मोबाइल कि डॉक्टरों के उड़ गए होश

नाबालिग से कुकर्म के आरोप में जोधपुर जेल में बंद एक कैदी के गुप्तांग से चार मोबाइल मिले हैं। वाकया सामने आने के बाद जेल प्रशासन के होश उड़े हुए हैं। इसके बाद अब जोधपुर जेल प्रशासन अब तलाशी लेने के मैन्युअल पर भी सोचने लगा है कि किस—किस जगह की तलाशी ली जाए ताकि जेल से चल रहे अपराध के नेटवर्क को तोड़ा जा सके।

Vikrant Shekhawat : Sep 19, 2020, 05:52 PM
जोधपुर | नाबालिग से कुकर्म के आरोप में जोधपुर जेल (Jodhpur Central Jail) में बंद एक कैदी के गुप्तांग से चार मोबाइल (Four mobiles in the private part of the prisoner) मिले हैं। वाकया सामने आने के बाद जेल प्रशासन के होश उड़े हुए हैं। इसके बाद अब जोधपुर जेल प्रशासन (Jodhpur Jail Administration) अब तलाशी लेने के मैन्युअल पर भी सोचने लगा है कि किस—किस जगह की तलाशी ली जाए ताकि जेल से चल रहे अपराध के नेटवर्क को तोड़ा जा सके।


वाकया शुक्रवार को पेश आया। केन्द्रीय कारागार जोधपुर में एक कैदी की शुक्रवार को अचानक तबीयत खराब हो गई। यह सजायाफ्ता कैदी शुक्रवार की सुबह हमेशा की तरह जेल उद्योगशाला में काम करने के लिए गया था। उसके बाद वह दोपहर को वापस मुख्य जेल में दाखिल हुआ। वहां उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। तबीयत बिगड़ने पर उसे जेल में बनी डिस्पेंसरी में भर्ती करवाया गया जहां से जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में रेफर किया गया। तबीयत खराब होते ही उसे जोधपुर सेंट्रल जेल में बनी डिस्पेंसरी में भर्ती करवाया गया। उसके पेट में दर्द था। चिकित्सकों ने जब उससे पूछा ​तो उसने बताया कि उसने अपने गुप्तांग में मोबाइल छिपा रखा है। इसके बाद उसे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में ले जाया गया। एक मोबाइल बाहर निकललने पर जब उससे पूछा गया कि और कितने मोबाइल है। तो उसने कहा कुल तीन मोबाइल है। चिकित्सक भी हैरत में पड़ गए। बाद में एक के बाद एक कुल चार मोबाइल निकले।

उद्योगशाला में ही डाले थे मोबाइल


प्रशासन का कहना है कि उसने उद्योगशाला में काम के दौरान ही मोबाइल गुप्तांग में डाल लिए थे। वह इनका उपयोग मुख्य जेल में करना चाहात था। मोबाइल उसके गुप्तांग में फंस गए इसके कारण उसकी तबीयत खराब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि मोबाइल ले जाने और अंदर कैदियों को देने में उन्हें बड़ी राशि मिलती है, इसलिए वे इतना जोखिम का काम करते हैं। मामला सामने आते ही जेल प्रशासन ने भी इस संबंध में जांच शुरू कर दी है। जब कैदी से इस बारे में पूछा गया तो उसने केवल पेट दर्द होने की बात कहते हुए कुछ भी बताने से इनकार कर दिया था। यह भांडा तो तब फूटा जब उसको अस्पताल ले जाया गया। कहना गलत नहीं होगा कि प्रदेश की इस बड़ी जेल में कई खूंखार अपराधी बंद है और कई अवैध नेटवर्क यहीं से चलते हैं।