मिटाया बेटे-बेटी का भेद / चार साल की खुश्मिता को पहनाई पिता की पगड़ी, मीणा समाज में अब तक बेटा ही पहनता रहा है पगड़ी

सीकर जिले के नीम का थाना इलाके में एक बेटी को वह दायित्व सौंपा गया है, जो परम्परागत रूप से लड़कों को ही सौंपा जाता रहा है। इस अनूठी पहल का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं। चार साल की बेटी खुष्मिता ने अपने पिता की जगह पगड़ी पहनकर परिवार का दायित्व अपने सिर लिया है। मीणा समाज में इस तरह की पहल अनुकरणीय है। समाज में अब तक बेटों को ही पगड़ी रस्म में पगड़ी पहनाकर पिता का उत्तराधिकारी बनाया जाता रहा है

नीम का थाना | सीकर जिले के नीम का थाना इलाके में एक बेटी को वह दायित्व सौंपा गया है, जो परम्परागत रूप से लड़कों को ही सौंपा जाता रहा है। इस अनूठी पहल का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं। चार साल की बेटी खुष्मिता ने अपने पिता की जगह पगड़ी पहनकर परिवार का दायित्व अपने सिर लिया है। मीणा समाज में इस तरह की पहल अनुकरणीय है। समाज में अब तक बेटों को ही पगड़ी रस्म में पगड़ी पहनाकर पिता का उत्तराधिकारी बनाया जाता रहा है परन्तु गांवड़ी मोड़ नीमकाथाना में मीणा परिवार ने रूढ़ीगत परम्पराओं को आधुनिक समाज के अनुसार नया रूप देने का फैसला किया है।

गांवड़ी मोड़, नीमकाथाना, सीकर निवासी 34 वर्षीय धर्मेन्द्र मीणा जिनका  निधन 24 जनवरी 2021 को हृदयघात से  हो गया था वे अपने पीछे अपने माता पिता के अलावा पत्नी राखी मीणा (32 वर्ष) व एक चार वर्षीया पुत्री खुस्मिता मीणा (गुन्नू) को अकेला  छोड़ गए है। स्व. धर्मेन्द्र मीणा के माता पिता व अन्य परिवार वालो ने अपनी पोती को ही पोता मानते हुए पगड़ी की रस्म में अपनी पोती खुस्मिता मीणा (गुन्नू )को पगड़ी पहना कर समाज मे नई मिसाल दी। इस परिवार ने यह भी संदेश दिया है कि बेटे और बेटी में किसी तरह का भेद नहीं है।