राजस्थान / इस मंदिर से मूर्ति चुराते ही कुंवारों की हो जाती है शादी, अभी तक 20 बार हुई पार्वतीजी की चोरी

यूं तो शादी नहीं होने पर लोग भगवान और देवी-देवताओं की शरण में जाकर मन्नत मांगते हैं। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां लोग इसके लिए मूर्ति चुराकर भागने का अनोखा तरीका अपनाते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर से मूर्ति चुराते ही युवक की जल्द ही शादी हो जाती है। फिलहाल, सावन के आने पहले ही इस मंदिर में देवी की एक मूर्ति गायब है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी कुंवारे ने मूर्ति को घर में छुपा

News18 : May 02, 2020, 11:55 AM
हिंडौली। यूं तो शादी नहीं होने पर लोग भगवान और देवी-देवताओं की शरण में जाकर मन्नत मांगते हैं। लेकिन राजस्थान (Rajasthan) में एक ऐसा भी मंदिर है, जहां लोग इसके लिए मूर्ति चुराकर भागने का अनोखा तरीका अपनाते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर से मूर्ति (Statue) चुराते ही युवक की जल्द ही शादी हो जाती है। फिलहाल, सावन के आने पहले ही इस मंदिर में देवी की एक मूर्ति गायब है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी कुंवारे ने मूर्ति को घर में छुपा रखा है।


दैनिक भास्कर अखबार में छपी खबर के मुताबिक, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के बूंदी जिले के हिंडाैली कस्बे में स्थित रघुनाथ घाट मंदिर (Raghunath Ghat Temple) के बारे में। यह मंदिर रामसागर झील के किनारे बना हुआ है। ऐसी कथा है कि इस मंदिर से पार्वती माता की मूर्ति चुराकर ले जाने से कुंवारे लड़कों की तुरंत शादी हो जाती है। खास बात यह है कि मूर्ति चुराने पर पुलिस में केस दर्ज नहीं कराया जाता है।


भगवान महादेव को हमेशा अकेला ही रहना पड़ता है

मदिर के पुजारियों की मानें तो पार्वतीजी की मूर्ति चुराने के पीछे एक खास परंपरा चली आ रही है। ऐसी मान्यता है कि जिस युवक की शादी नहीं हो पा रही है और वह इस मंदिर से चुपके से पार्वती की मूर्ति चुरा ले जाए, तो उसकी शादी जल्द हो जाती है। यही वजह है कि कुंवारे मंदिर से रात के अंधेरे में पार्वतीजी की मूर्ति चुरा ले जाते हैं। ऐसे में भगवान महादेव (शिवलिंग) को हमेशा अकेला ही रहना पड़ता है। वहीं, जैसे ही शादी हो जाती है युवक मंदिर में मूर्ति रख जाता है। फिर कोई दूसरा कुंवारा उसे चुरा ले जाता है।

फिलहाल, सावन के पहले से ही पार्वतीजी महादेव से बिछड़ी हुई हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार वे किसी कुंवारे के घर में हैं। पिछले 35 साल से मंदिर में पुजारी के रूप में सेवा दे रहे रामबाबू पाराशर अखबार को बताते हैं कि अब तक 15-20 बार पार्वतीजी की मूर्ति चोरी हो चुकी है। संयोग यह है कि चुराने वाले सभी कुंवारों की शादियां भी हो चुकी हैं।