राजस्थान / चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा बोले- कोई मर गया तो कौन जिम्मेदार होगा, कोरोनिल बिकती दिखी तो बाबा रामदेव जेल में होगा

मंत्री रघु शर्मा ने बुधवार को बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने का काम हम भारत सरकार के साथ मिलकर कर रहे हैं। पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है। वहीं, इस तरह के प्रयोग करना अपराध की श्रेणी में आते हैं। शर्मा ने कहा कि अगर राजस्थान में कहीं दवाई बिकती नजर आई, उसी दिन बाबा रामदेव जेल में होगा।

Vikrant Shekhawat : Jun 24, 2020, 05:41 PM
जयपुर | कोरोना के इलाज (Covid19 Treatment) का दावा करने वाली कोरोनिल (Coronil) राजस्थान में कहीं दवाई बिकती हुई नजर आई, उसी दिन बाबा रामदेव (Baba Ramdev) जेल में होगा। यह कहना है राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Medical and Health Minister Rajasthan Raghu Sharma) का। वैसे एक दिन पहले ही यहां बाबा रामदेव प्रेस कान्फ्रेंस कर गए लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं इस दवा का ट्रायल (Clinical Trial of corona) भी राजस्थान के रोगियों पर हुआ, जिसका रिकार्ड अब सरकार के पास नहीं है। शर्मा ने कहा कि हमारे से कोई स्वीकृति नहीं ली गई। हमारे लोग रुटीम में ही सात दिन में ठीक हो रहे हैं। ऐसे में यह कहना कि दवा से लोग ठीक हो रहे हैं, यह सिर्फ मार्केटिंग है।

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शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय (AYUSH Ministry) ने 21 अप्रैल 2020 को गजट नोटिफिकेशन के जरिए एक अधिसूचना जारी की है। ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट के तहत उन्होंने 9 पॉइंट दिए हैं। कोई भी अगर क्लीनिकल ट्रायल करना चाहता है तो उसे एडवाजरी कमेटी के मुताबिक या आईसीएमआर (ICMR) की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए करना चाहिए। इसमें कई पॉइंट्स जारी किए गए हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी स्वीकृति के बाद ये क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। न भारत सरकार और न ही राज्य सरकार। जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। ये कोई मार्केटिंग करने का टाइम नहीं है।

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मंत्री शर्मा ने कहा कि ‘‘जिस महामारी से दुनिया के 200 से ज्यादा देश प्रभावित हैं। इलाज नहीं ढूंढ पा रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के पास भी वैक्सीन नहीं है। आईसीएमआर के पास कोई दवा नहीं है। ऐसे में बिना सरकार की अनुमति और बिना प्रोटोकॉल फोलो किए कोई भी क्लीनिकल ट्रायल करता है। फिर उस दवा को जारी करता है तो यह अपराध है। भारत सरकार को इसकी सजा इन अपराधियों को देनी चाहिए। मजाक बना दिया है। कल अगर कोई मर गया, कौन जिम्मेदार होगा। जहां तक निम्स (NIIMS) का सवाल है, हमने इंस्टीट्यूश्नल क्वारैंटाइन के लिए कुछ दिन लोगों को रखा था। जिनका पता नहीं था कि वो पॉजिटिव हैं या नहीं, उनका क्लीनिकल ट्रायल कहां से हो गया। वहां व्यवस्थाएं ठीक नहीं थी, इसलिए दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। हमारे लोग रुटीन में 7 दिन में ठीक हो जाते हैं। ये कहना कि दवा से लोग 7 दिन में ठीक हो जाएंगे, ये सिर्फ मार्केटिंग का काम है। इस तरह के प्रयोग अपराध की श्रेणी में आते हैं।’’ 

भारत सरकार करे कार्रवाई

मंत्री रघु शर्मा ने बुधवार को बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि महामारी से लड़ने का काम हम भारत सरकार के साथ मिलकर कर रहे हैं। पूरा देश इस महामारी से लड़ रहा है। वहीं, इस तरह के प्रयोग करना अपराध की श्रेणी में आते हैं। इन लोगों को अपराध के दायरे में शामिल करते हुए इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। शर्मा ने कहा कि अगर राजस्थान में कहीं दवाई बिकती नजर आई, उसी दिन बाबा रामदेव जेल में होगा।

राजस्थान के मरीजों पर दवा का ट्रायल करने का दावा 

इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (निम्स) यूनिवर्सिटी, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। सबसे अहम बात सामने आई कि महज ढाई माह के वक्त में इस दवा को तैयार कर लाॅन्च किया गया। जयपुर में अप्रैल की शुरुआत में पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम पहुंची थी। इसके बाद निम्स में चेयरमैन डाॅ. बीएस तोमर से मुलाकात कर मरीजों का हाल जाना गया। इस बीमारी पर रिसर्च शुरू हुआ। इसके बाद क्लीनिकल केस ट्रायल के लिए 280 मरीजों को चुना गया था। मंगलवार को बाबा रामदेव ने कोरोनिल नाम से आयुर्वेद टैबलेट लॉन्च की थी। हालांकि, साढ़े 5 घंटे बाद ही केंद्र सरकार ने इसके प्रचार पर राेक लगा दी। सरकार ने कहा कि दवा की वैज्ञानिक जांच नहीं हुई है। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद से दवा के लाइसेंस समेत पूरा ब्योरा मांगा है।