Panchayati Raj elections: / टिकट नहीं मिलने से नागौर के नाराज BJP कार्यकर्ता, पेड़ से बांधा मंडल अध्यक्ष को, बनाया वीडियो

पंचायती राज चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नागौर के नाराज कार्यकर्ता कुछ भी कर गुजरने के लिए बेचैन हो रहे हैं। वे न केवल बड़े नेताओं के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय नेताओं के साथ दुर्व्यवहार करने का भी इरादा कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को नागौर जिले में सामने आया है। मामला बीजेपी से जुड़ा है।

Vikrant Shekhawat : Nov 09, 2020, 03:46 PM
नागौर: पंचायती राज चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नागौर के नाराज कार्यकर्ता कुछ भी कर गुजरने के लिए बेचैन हो रहे हैं। वे न केवल बड़े नेताओं के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय नेताओं के साथ दुर्व्यवहार करने का भी इरादा कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को नागौर जिले में सामने आया है। मामला बीजेपी से जुड़ा है। यहां टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेताओं को रस्सी से पेड़ से बांध दिया। बाद में उन्हें बड़ी मुश्किल से बचाया गया। लेकिन इस घटना को ग्रामीणों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया। अब इसके वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, मामला नागौर के बैरुंडा मंडल इलाके से जुड़ा है। यहां गुस्साए कार्यकर्ताओं ने स्थानीय मंडल अध्यक्ष राजेंद्र वैष्णव और उनके साथी अधिकारियों को पेड़ से रस्सी से बांध दिया और जमकर सुनी। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यहां टिकटों का वितरण सही नहीं किया गया है। इस दौरान, कार्यकर्ताओं ने नेताजी के पेड़ से बंधे हुए फोटो लिए और वीडियो भी बनाए। बाद में, कुछ लोगों ने वैष्णव और उसके साथियों को बीच में बचा लिया। लेकिन गुस्साए कार्यकर्ताओं ने इन तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।


आज नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है

दरअसल, राजस्थान में पंचायत राज संस्थाओं के लिए चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव नवंबर और दिसंबर में चार चरणों में होंगे। इन चुनावों के लिए नामांकन पत्र भरने की आज अंतिम तिथि है। इन चुनावों में गुटबाजी के कारण कई जगहों पर बीजेपी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। बीजेपी ने दो दिन पहले अपने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। जबकि कांग्रेस ने विद्रोह और कार्यकर्ताओं में नाराजगी को देखते हुए उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक नहीं की है। उन्होंने नगरपालिका चुनावों की तर्ज पर मूक उम्मीदवारों को सीधे प्रतीक सौंप दिए हैं।