Zee News : Jun 15, 2020, 05:11 PM
नई दिल्ली: आयुष्मान भारत स्कीम के तहत कोविड टेस्टिंग और इलाज के लिए नए पैकेज बनाए गए हैं। हर राज्य के लिए अलग-अलग पैकेज कोविड इलाज के लिए खर्च बढ़ा है जैसे पीपीई का खर्च, ऐसे में इसका अतिरिक्त प्रीमियम भी आयुष्मान भारत स्कीम के पैकेज में शामिल किया गया है। एडिशनल कोविड प्रीमियम भरने के लिए राज्यों को अतिरिक्त स्वतंत्रता दी गई है और उसके आदेश पारित किए गए हैं।
नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी के एडिशनल सीईओ डॉ। प्रवीण गेडाम ने कहा कि अभी तक आयुष्मान भारत स्कीम के तहत अब तक 8000 लोगों की टेस्टिंग और करीब 6000 लोगों को इलाज दिया जा चुका है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में कोविड ट्रीटमेंट निशुल्क जारी है।आयुष्मान भारत के तहत पिछले 1 महीने में 1000 से ज्यादा अस्पतालों को शामिल किया है, और अब इस मेगा मिशन के तहत 22000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं।आयुष्मान भारत लाभार्थियों को सही सूचना मिले इसके लिए आयुष्मान भारत के तहत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 14555 और सरकार का हेल्पलाइन नंबर 1075 पर लोगों को जानकारी दे रहे हैं। रोजाना 50,000 से ज्यादा कॉल मिल रही है और जानकारी मुहैय्या कराई जा रही है।प्रवासी मजदूरों या कामगारों को भी लाभ मिले इसके लिए स्कीम में पोर्टेबिलिटी का भी विकल्प है। इसके तहत कोई मजदूर या कामगार मसलन मुंबई से यूपी आ गया है तो भी यहां यूपी में इलाज स्कीम के तहत करा सकता है। आज सबसे बड़ी चुनौती प्रवासी मजदूरों को आयुष्मान स्कीम के तहत इलाज पहुंचाने में आ रही है। उन तक सही जानकारी पहुचाने सबसे बड़ा काम है।
नेशनल हेल्थ ऑथोरिटी के एडिशनल सीईओ डॉ। प्रवीण गेडाम ने कहा कि अभी तक आयुष्मान भारत स्कीम के तहत अब तक 8000 लोगों की टेस्टिंग और करीब 6000 लोगों को इलाज दिया जा चुका है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में कोविड ट्रीटमेंट निशुल्क जारी है।आयुष्मान भारत के तहत पिछले 1 महीने में 1000 से ज्यादा अस्पतालों को शामिल किया है, और अब इस मेगा मिशन के तहत 22000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं।आयुष्मान भारत लाभार्थियों को सही सूचना मिले इसके लिए आयुष्मान भारत के तहत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 14555 और सरकार का हेल्पलाइन नंबर 1075 पर लोगों को जानकारी दे रहे हैं। रोजाना 50,000 से ज्यादा कॉल मिल रही है और जानकारी मुहैय्या कराई जा रही है।प्रवासी मजदूरों या कामगारों को भी लाभ मिले इसके लिए स्कीम में पोर्टेबिलिटी का भी विकल्प है। इसके तहत कोई मजदूर या कामगार मसलन मुंबई से यूपी आ गया है तो भी यहां यूपी में इलाज स्कीम के तहत करा सकता है। आज सबसे बड़ी चुनौती प्रवासी मजदूरों को आयुष्मान स्कीम के तहत इलाज पहुंचाने में आ रही है। उन तक सही जानकारी पहुचाने सबसे बड़ा काम है।