देश / अब भारत की खिचड़ी पकाएंगे ऑस्ट्रेलियाई PM, लगना चाहते हैं मोदी के गले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसमें स्वास्थ्य सेवा, कारोबार और रक्षा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने एक तरफ पीएम मोदी के गले लगने की इच्छा जताई तो दूसरी तरफ गुजराती खिचड़ी बनाने की बात भी कही।

Live Hindustan : Jun 04, 2020, 01:06 PM
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष स्कॉट मॉरिसन के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसमें स्वास्थ्य सेवा, कारोबार और रक्षा क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों को और मजबूत बनाने पर चर्चा की गई। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने एक तरफ पीएम मोदी के गले लगने की इच्छा जताई तो दूसरी तरफ गुजराती खिचड़ी बनाने की बात भी कही। 

कोरोना वायरस महामारी की वजह से स्कॉट मॉरिसन को भारत की यात्रा रद्द करनी पड़ी है। मॉरिसन ने कहा, ''काश मैं वहां होता और आपसे गले मिल पाता जो मोदी हग के रूप में फेमस हो चुका है। और मुझे साथ समोसा खाना है, जिसपर हमने सप्ताह के अंत में कुछ मजे किए। अगली बार गुजराती खिचड़ी होगी, मुझे पता है आपका फेवरिट है, जैसा कि आपने मुझे पहले बताया था। आपसे अगली मुलाकात से पहले मैं उसे पकाने की कोशिश करूंगा।' 

हंसते हुए पीएम मोदी ने इस ऑफर का स्वागत किया। उन्होंने कहा, ''मुझे बहुत खुशी हुई। आपका समोसा तो इस समय भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। और जब आपने खिचड़ी की बात कही तो गुजराती तो बहुत खुश हो जाएंगे। ऑस्ट्रेलिया में भी बहुत गुजराती परिवार रहते हैं उनके लिए तो और खुशी की बात होगी।

पीएम ने कहा कहा कि, ''हम इसे अलग-अलग नामों से बुलाते हैं लेकिन पूरे भारत में खिचड़ी बहुत प्रसिद्ध है।'' रविवार को ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने ट्वीटर पर समोसे की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने समोसे और आम की चटनी बनाई है और इसे पीएम मोदी के साथ साझा करना चाहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए यह दोस्ती को और अधिक मजबूत बनाने का सही समय है। पीएम ने भारतीय छात्रों का ऑस्ट्रेलिया में ध्यान रखने के लिए स्कॉट मॉरिसन को धन्यवाद दिया।   

अपने शुरुआती संबोधन में मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को और सशक्त करने के लिए यह सही समय और मौका है और अपनी दोस्ती को और मज़बूत बनाने के लिए हमारे पास असीम संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ''कैसे हमारे संबंध अपने क्षेत्र के लिए और विश्व के लिए एक 'स्थिरता का कारक बनें, कैसे हम मिल कर वैश्विक बेहतरी के लिए कार्य करें, इन सभी पहलुओं पर विचार की आवश्यकता है।''  

मोदी ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को व्यापक तौर पर और तेज़ गति से बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह न सिर्फ़ हमारे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि हिन्द प्रशांत क्षेत्र और विश्व के लिए भी आवश्यक है।'' उन्होंने कहा, ''वैश्विक महामारी के इस काल में हमारे समग्र सामरिक गठजोड़ की भूमिका और महत्वपूर्ण रहेगी। विश्व को इस महामारी के आर्थिक और सामाजिक दुष्प्रभावों से जल्दी निकलने के लिए एक समन्वित और एकजुट पहल की आवश्यकता है।

गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब मोदी किसी विदेशी नेता के साथ आभासी शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। दोनों देशों के संबंध 2009 में सामरिक गठजोड़ के स्तर पर पहुंचे और कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार मिला है।