AajTak : May 17, 2020, 04:43 PM
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। जिसके बाद पांच दिनों में 13 से 17 मई तक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज को अंतिम रूप दिया। उन्होंने बताया कि ये पैकेज आर्थिक रिफॉर्म के लिए है, और इससे देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेगी। सरकार की ओर से नए-पुराने ऐलान को मिलाकर कुल 20,97,053 करोड़ रुपये का ब्योरा दिया गया है।
पहली किस्तवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 मई को कुल 5,94,500 करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया। इसमें से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे। इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा। इसकी समय-सीमा 4 साल की होगी। इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी।डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी। इसके अलावा दबाव में चल रही एमएसएमई को लोन के लिए 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। एमएसएमई के लिए फंड ऑफ फंड तक 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है। दूसरी किस्त14 मई को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त 3,10,000 करोड़ रुपये की जारी की गई है। जिसमें 2 महीने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज दिया जाएगा, इसके लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, मुद्रा शिशु लोन के लिए 1500 करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है। रेहड़ी पटरी वालों के लिए 5,000 करोड़ रुपये विशेष ऋण सुविधा होगी। दूसरी किस्त में हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 6-18 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी वाले मिडिल क्लास के लिए 2017 में लाए गए हाउसिंग लोन सब्सिडी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है। किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे। यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा। तीसरी किस्त15 मई को कुल 1,50,000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया। तीसरी किस्त पूरी तरह किसान केंद्रित था। इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए। इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ क स्कीम लाई गई है। चौथी और पांचवीं किस्तशनिवार को चौथे प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने औद्योगिक आधारभूत ढांचों का अपग्रेडेशन, कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनजमेंट, एयरपोर्ट्स, एमआरओ (मेंटनेंस, रिपेयर-ओवरहॉल), केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सुधारों का ऐलान किया।उसके बाद रविवार को सरकार ने कहा कि मनरेगा के तहत आवंटित रकम में 40 हजार करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है। इससे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा। मनरेगा के तहत पहले बजट अनुमान 61 हजार करोड़ था। इसके अलावा व्यवहार्यता अंतर फंडिंग के तहत 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। चौथी और पांचवीं किस्त में कुल 48,100 करोड़ रुपये के ऐलान किया था।राहत पैकेज का बाकी हिस्सापीएम मोदी के ऐलान से पहले भी सरकार और आरबीआई ने कई उठाए थे। जिसके तहत कुल 9,94,403 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के लिए 1,92,800 करोड़ रुपये दिए थे। जबकि 8,01,603 करोड़ रुपये आरबीआई के जरिये तमाम तरह से उपलब्ध कराए गए थे।
पहली किस्तवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 मई को कुल 5,94,500 करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया। इसमें से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे। इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा। इसकी समय-सीमा 4 साल की होगी। इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी।डिस्कॉम यानी बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी। इसके अलावा दबाव में चल रही एमएसएमई को लोन के लिए 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। एमएसएमई के लिए फंड ऑफ फंड तक 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है। दूसरी किस्त14 मई को आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त 3,10,000 करोड़ रुपये की जारी की गई है। जिसमें 2 महीने तक प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में अनाज दिया जाएगा, इसके लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, मुद्रा शिशु लोन के लिए 1500 करोड़ रुपये का ऐलान किया गया है। रेहड़ी पटरी वालों के लिए 5,000 करोड़ रुपये विशेष ऋण सुविधा होगी। दूसरी किस्त में हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए 6-18 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी वाले मिडिल क्लास के लिए 2017 में लाए गए हाउसिंग लोन सब्सिडी योजना को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए 70 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है। किसानों के लिए 30,000 करोड़ अतिरिक्त इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंड नाबार्ड को दिए जाएंगे। यह नाबार्ड को मिले 90 हजार करोड़ के पहले फंड के अतिरिक्त होगा और तत्काल जारी किया जाएगा। तीसरी किस्त15 मई को कुल 1,50,000 करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया। तीसरी किस्त पूरी तरह किसान केंद्रित था। इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए। इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेलेवपमेंट फंड में 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ क स्कीम लाई गई है। चौथी और पांचवीं किस्तशनिवार को चौथे प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने औद्योगिक आधारभूत ढांचों का अपग्रेडेशन, कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादन, एयरस्पेस मैनजमेंट, एयरपोर्ट्स, एमआरओ (मेंटनेंस, रिपेयर-ओवरहॉल), केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सुधारों का ऐलान किया।उसके बाद रविवार को सरकार ने कहा कि मनरेगा के तहत आवंटित रकम में 40 हजार करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है। इससे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा। मनरेगा के तहत पहले बजट अनुमान 61 हजार करोड़ था। इसके अलावा व्यवहार्यता अंतर फंडिंग के तहत 8100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। चौथी और पांचवीं किस्त में कुल 48,100 करोड़ रुपये के ऐलान किया था।राहत पैकेज का बाकी हिस्सापीएम मोदी के ऐलान से पहले भी सरकार और आरबीआई ने कई उठाए थे। जिसके तहत कुल 9,94,403 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के लिए 1,92,800 करोड़ रुपये दिए थे। जबकि 8,01,603 करोड़ रुपये आरबीआई के जरिये तमाम तरह से उपलब्ध कराए गए थे।