Vikrant Shekhawat : Feb 06, 2021, 09:27 PM
राजस्थान में शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें पेट्रोल पर भले ही देश में सबसे अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हों, अब शराब सस्ती मिलेगी। राजस्थान सरकार ने देसी शराब को महंगी नहीं करने का फैसला लिया है। 1 अप्रैल से राज्य में बीयर 30 से 35 रुपए सस्ती होगी। भारत में बनी अंग्रेजी शराब और बीयर पर वेंड फीस खत्म कर दी गई है। इतना ही नहीं बीयर पर अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी भी 10 प्रतिशत कम की गई है। इतना ही नहीं, आबकारी नीति में बदलाव करते हुए दुकानों का आवंटन लॉटरी की जगह ऑनलाइन किया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली और हरियाणा से शराब की तस्करी रोकने और माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
ज्यादा बोली लगाने वाले को मिलेगी दुकान:नई व्यवस्था में दुकानों के लिए जो जितनी ज्यादा रकम सरकार को देने की बोली लगाएगा उसे शराब की दुकान का आवंटन होगा। एक व्यक्ति को प्रदेश में 5 से ज्यादा और एक जिले में दो से ज्यादा दुकान आवंटित नहीं की जाएंगी। आबकारी नीति में इसके लिए राइडर लगाया गया है। शराब दुकानों की संख्या पहले जितनी ही रहेगी। अभी प्रदेश में अंग्रेजी और देसी शराब को मिलाकर कुल 7665 दुकानें हैं।
13 हजार करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य:
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में आबकारी से 13 हजार करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा है। शराब आवंटन की नई व्यवस्था में राज्य सरकार के उपक्रम गंगानगर शुगर मिल्स और स्टेट ब्रेवेरेज कॉर्पोरेशन भी भाग ले सकेंगे, ये सरकारी उपक्रम भी शराब की दुकानें चला सकेंगे। आरटीडीसी पहले से ही शराब की दुकानें चला रहा है।
IMFL और बीयर दुकानों पर लाईसेंस फीस खत्म:शहरी क्षेत्रों की भारत में बनी व देशी शराब (IMFL) और बीयर दुकानों पर वार्षिक लाईसेंस फीस को खत्म कर दिया है। अग्रिम जमा राशि प्रावधान 14.5 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत किया गया है। IMFL और बीयर के एजुलाइज्ड बिल राशि का 7 प्रतिशत कम्पोजिट फीस होगी। IMFL पर पर आबकारी ड्यूटी और अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी और बीयर पर आबकारी ड्यूटी यथावत रखी गई है। देसी शराब पर 175 और राजस्थान में बनी देसी शराब पर 185 रुपए प्रति एलपीएल आबकारी ड्यूटी और बेसिक लाइसेंस फीस 44 और 105 रुपए होगी।
बार लाइसेंसधारक अब फ्रेंश बीयर बनाने का मिनी प्लांट या माइक्रो ब्रुवरी लगा सकेंगे:नई आबकारी नीति में स्थानीय निकाय, प्राधिकरण और प्राधिकारी द्वारा होटल रेस्टोरेंट संचालन का लाइसेंस होने पर ही बार लाइसेंस दिया जाएगा। इसका मतलब यह कि शहरी निकायों से मंजूरी प्राप्त हर होटल बार लाइसेंस का पात्र होगा। बार लाइसेंसधारक अब फ्रेश बीयर बनाने का मिनी प्लांट या माइक्रो ब्रेवरी लगा सकेंगे। होटल एंड रेस्टोरेंट बार लाइसेंस फीस यथावत रखकर साल 2021-22 के लिए लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत की छूट दी गई है। नए बार लाइसेंस की स्थिति में आवेदक को सम्पूर्ण फीस के स्थान पर 10 प्रतिशत ही अग्रिम जमा कराने का प्रावधान किया है।
ज्यादा बोली लगाने वाले को मिलेगी दुकान:नई व्यवस्था में दुकानों के लिए जो जितनी ज्यादा रकम सरकार को देने की बोली लगाएगा उसे शराब की दुकान का आवंटन होगा। एक व्यक्ति को प्रदेश में 5 से ज्यादा और एक जिले में दो से ज्यादा दुकान आवंटित नहीं की जाएंगी। आबकारी नीति में इसके लिए राइडर लगाया गया है। शराब दुकानों की संख्या पहले जितनी ही रहेगी। अभी प्रदेश में अंग्रेजी और देसी शराब को मिलाकर कुल 7665 दुकानें हैं।
13 हजार करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य:
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में आबकारी से 13 हजार करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा है। शराब आवंटन की नई व्यवस्था में राज्य सरकार के उपक्रम गंगानगर शुगर मिल्स और स्टेट ब्रेवेरेज कॉर्पोरेशन भी भाग ले सकेंगे, ये सरकारी उपक्रम भी शराब की दुकानें चला सकेंगे। आरटीडीसी पहले से ही शराब की दुकानें चला रहा है।
IMFL और बीयर दुकानों पर लाईसेंस फीस खत्म:शहरी क्षेत्रों की भारत में बनी व देशी शराब (IMFL) और बीयर दुकानों पर वार्षिक लाईसेंस फीस को खत्म कर दिया है। अग्रिम जमा राशि प्रावधान 14.5 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत किया गया है। IMFL और बीयर के एजुलाइज्ड बिल राशि का 7 प्रतिशत कम्पोजिट फीस होगी। IMFL पर पर आबकारी ड्यूटी और अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी और बीयर पर आबकारी ड्यूटी यथावत रखी गई है। देसी शराब पर 175 और राजस्थान में बनी देसी शराब पर 185 रुपए प्रति एलपीएल आबकारी ड्यूटी और बेसिक लाइसेंस फीस 44 और 105 रुपए होगी।
बार लाइसेंसधारक अब फ्रेंश बीयर बनाने का मिनी प्लांट या माइक्रो ब्रुवरी लगा सकेंगे:नई आबकारी नीति में स्थानीय निकाय, प्राधिकरण और प्राधिकारी द्वारा होटल रेस्टोरेंट संचालन का लाइसेंस होने पर ही बार लाइसेंस दिया जाएगा। इसका मतलब यह कि शहरी निकायों से मंजूरी प्राप्त हर होटल बार लाइसेंस का पात्र होगा। बार लाइसेंसधारक अब फ्रेश बीयर बनाने का मिनी प्लांट या माइक्रो ब्रेवरी लगा सकेंगे। होटल एंड रेस्टोरेंट बार लाइसेंस फीस यथावत रखकर साल 2021-22 के लिए लाइसेंस फीस में 10 प्रतिशत की छूट दी गई है। नए बार लाइसेंस की स्थिति में आवेदक को सम्पूर्ण फीस के स्थान पर 10 प्रतिशत ही अग्रिम जमा कराने का प्रावधान किया है।