देश / गूगल ने की भारत के लिए ₹113 करोड़ की मदद की घोषणा; पिचाई ने कहा- हमें सहानुभूति है

गूगल की फिलैंथरोपिक शाखा भारत में ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने के लिए $1.5 करोड़ (₹109 करोड़) की अतिरिक्त मदद देगी और 20,000 स्थास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए अपोलो मेडस्किल्स को आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी। वहीं, आशा व एएनएम कार्यकर्ताओं के कौशल कार्यक्रम के लिए भी $500,000 (₹3.6 करोड़) की मदद देगी। सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, "हमें सहानुभूति है।"

Vikrant Shekhawat : Jun 17, 2021, 03:52 PM
नई दिल्ली: प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गूगल ने गुरुवार को कहा कि उसकी परोपकार शाखा गूगल डॉट ऑर्ग विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर देश में 80 ऑक्सीजन संयंत्रों की खरीद और स्थापना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कर्मचारियों के कौशल विकास में मदद के लिए 113 करोड़ रुपये (1.55 करोड़ डॉलर) का अनुदान देगी।

गूगल डॉट ऑर्ग इस घोषणा के तहत 80 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के लिए गिवइंडिया को करीब 90 करोड़ रुपये और पाथ को करीब 18.5 करोड़ रुपये देगी। इसके साथ ही ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए अपोलो मेडस्किल्स के जरिए कोविड-19 प्रबंधन में 20,000 अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।

इसके लिए गूगल डॉट ऑर्ग भारत के 15 राज्यों में 180,000 आशा कार्यकर्ताओं और 40,000 एएनएम के कौशल विकास के लिए 3.6 करोड़ रुपये (पांच लाख अमरीकी डॉलर) का अनुदान अरमान को देगा।अरमान इस अनुदान के इस्तेमाल से आशा और एएनएम को अतिरिक्त सहायता और सलाह प्रदान करने के लिए कॉल सेंटर की स्थापना भी करेगा। गूगल इंडिया के कंट्री हेड और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा, ‘‘गूगल में हमने इस बात पर ध्यान दिया कि लोगों के पास सुरक्षित रहने के लिए जरूरी जानकारी और उपकरण हों।’’

बता दें कि इससे पहले यूनिसेफ ने भी वैश्विक सहयोग के तहत भारत में नौ ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा यूनीसेफ ने भारत को 4,500 से अधिक ऑक्सीजन कन्संट्रेटर और 200 आरटी-पीसीआर जांच मशीनें उपलब्ध कराई हैं। ये नौ ऑक्सीजन प्लांट गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं। 

यूनीसेफ ने कहा कि 4,650 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के लिए खरीदे गए। इससे पहले 3,000 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इस्तेमाल के लिए खरीदे गए थे। साथ ही 10 राज्यों को 512 हाई फ्लो नेजल कैन्यूल भी भेजे गए।