Vikrant Shekhawat : May 09, 2024, 04:30 PM
Lok Sabha Elections: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रायबरेली के मुंशीगंज में स्थित किसान शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही उन्होंने AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और प्रियंका के भाई राहुल गांधी लोकसभा चुनावों में वायनाड की सीट के अलावा रायबरेली की सीट से भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। राहुल और प्रियंका की मां सोनिया गांधी ने 2004 से लेकर 2019 तक, हर लोकसभा चुनाव में इस सीट से जीत दर्ज की थी।7 जनवरी 1921 को गोलियों से भूने गए थे किसानप्रियंका ने जिस स्मारक पर आज श्रद्धांजलि अर्पित की वह 1921 में शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बना है। 1920-21 के असहयोग आंदोलन के दौरान अवध में किसान आंदोलन छिड़ गया था जिसका नेतृत्व बाबा रामचंद्र और मदारी पासी कर रहे थे। आंदोलन के दौरान रायबरेली के मुंशीगंज में भयानक गोलीकांड हुआ था। 7 जनवरी 1921 को सई नदी के पुल पर किसानों को घेरकर गोलियों से भून दिया गया था। इसकी सूचना मिलने पर मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू रायबरेली पहुंचे थे और पीड़ित किसानों से मुलाकात की थी। इस नरसंहार के बाद आंदोलन और तेज हुआ तो दोनों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में शहीद किसानों की याद में यहां पर शहीद स्मारक बनाया गया।‘जहां-जहां हमारी सरकार है, हमने वादे पूरे किए हैं’इस बीच ओवैसी पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा, ‘मैं आपको बार-बार बता रही हूं। असदुद्दीन औवेसी सीधे तौर पर बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जहां भी भाजपा को अन्य दलों को पीछे धकेलने के लिए किसी को मैदान में उतारने की जरूरत है, वह ऐसा कर रहे हैं। तेलंगाना चुनाव में ये बात बिल्कुल साफ हो गई है।’ प्रियंका ने यह भी कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ में हमने कहा था कि किसानों के कर्ज माफ होंगे तो माफ हुए। कर्नाटक में हमने कहा था कि महिलाओं के खाते में 2000 डालेंगे, आज डल रहे हैं। जहां-जहां हमारी सरकार है, हमने वादे पूरे किए हैं। अगर हमारी सरकार केंद्र में आएगी तो किसानों के कर्ज माफी के लिए एक स्थायी आयोग बनेगा। खेती से जुड़े सभी उपकरण GST से मुक्त हो जाएंगे।’
आज रायबरेली के मुंशीगंज में किसान शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 9, 2024
सन 1921 में बाबा रामचंद्र जी और मदारी पासी जी के नेतृत्व में चले किसान आंदोलन को दबाने के लिए अंग्रेज सरकार ने किसानों पर गोलियां बरसाईं थीं। सैकड़ों किसान शहीद हो गए थे। इसके बाद पंडित मोतीलाल… pic.twitter.com/2RgYdMkzv4