Vikrant Shekhawat : Sep 22, 2023, 01:13 PM
Women Reservation Bill : संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास हो चुका है. बिल पर राष्ट्रपति का अप्रूवल मिलते ही यह कानून बन जाएगा. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सासंद राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण तो बड़ी अच्छी चीज है, लेकिन लागू कब होगा, यह साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि आरक्षण लागू करने के लिए सबसे पहले जनगणना होगी और डिलिमिटेशन करना होगा. यह करने में सालों लगेंगे और यह भी नहीं पता कि ये होगा या नहीं
राहुल गांधी ने आरक्षण के जरिए केंद्र सरकार पर ‘डायवर्जन’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डायवर्जन ओबीसी सेंसस से हो रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार में सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी की जातीय कैटगरी पर बात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह ओबीसी के लिए इतना ही काम कर रहे हैं तो 90 में सिर्फ तीन लोग ही ओबीसी कैटगरी से क्यों हैं? ओबीसी ऑफिसर्स देश के पांच फीसदी बजट को कंट्रोल कर रहे हैं.
पीएम करते हैं प्राइड की बात लेकिन कितने को मिला रिप्रेजेंटेशन?कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री हर रोज ओबीसी प्राइड की बात करते हैं तो उनके लिए पीएम ने क्या किय? प्रधानमंत्री संसद में ओबीसी रिप्रेजेंटेशन की बात करते हैं, राहुल ने कहा कि इससे क्या होगा? जो डिसीजन मेकर्स हैं उनमें सिर्फ पांच फीसदी को ही जगह क्यों दी गई? क्या ओबीसी की आबादी देश में सिर्फ पांच फीसदी है? राहुल ने कहा कि अब मुझे ये पता लगाना है कि हिंदुस्तान में ओबीसी कितने हैं? और जितने भी हैं उस हिसाब से उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए.
ओबीसी युवाओं को भी समझना होगा- राहुल गांधीलोकसभा को टेंपल ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आप किसी भी बीजेपी नेता से पूछ लीजिए कि वह कोई फैसले लेता है? कोई कानून बनाता है? उन्होंने कहा कि कोई भी फैसले लेने में हिस्सा नहीं लेता. सांसदों को मूर्तियां बना रखी हैं और ओबीसी की संसद में मूर्तियां भर रखी है लेकिन उनके पास कोई पावर नहीं है. हर ओबीसी युवा को यह समझना होगा. कांग्रेस नेता ने एक बार फिर कहा कि नया सेंसस जाति के आधार पर ही होना चाहिए.
राहुल गांधी ने आरक्षण के जरिए केंद्र सरकार पर ‘डायवर्जन’ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि डायवर्जन ओबीसी सेंसस से हो रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार में सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी की जातीय कैटगरी पर बात की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह ओबीसी के लिए इतना ही काम कर रहे हैं तो 90 में सिर्फ तीन लोग ही ओबीसी कैटगरी से क्यों हैं? ओबीसी ऑफिसर्स देश के पांच फीसदी बजट को कंट्रोल कर रहे हैं.
पीएम करते हैं प्राइड की बात लेकिन कितने को मिला रिप्रेजेंटेशन?कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री हर रोज ओबीसी प्राइड की बात करते हैं तो उनके लिए पीएम ने क्या किय? प्रधानमंत्री संसद में ओबीसी रिप्रेजेंटेशन की बात करते हैं, राहुल ने कहा कि इससे क्या होगा? जो डिसीजन मेकर्स हैं उनमें सिर्फ पांच फीसदी को ही जगह क्यों दी गई? क्या ओबीसी की आबादी देश में सिर्फ पांच फीसदी है? राहुल ने कहा कि अब मुझे ये पता लगाना है कि हिंदुस्तान में ओबीसी कितने हैं? और जितने भी हैं उस हिसाब से उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए.
ओबीसी युवाओं को भी समझना होगा- राहुल गांधीलोकसभा को टेंपल ऑफ डेमोक्रेसी कहा जाता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आप किसी भी बीजेपी नेता से पूछ लीजिए कि वह कोई फैसले लेता है? कोई कानून बनाता है? उन्होंने कहा कि कोई भी फैसले लेने में हिस्सा नहीं लेता. सांसदों को मूर्तियां बना रखी हैं और ओबीसी की संसद में मूर्तियां भर रखी है लेकिन उनके पास कोई पावर नहीं है. हर ओबीसी युवा को यह समझना होगा. कांग्रेस नेता ने एक बार फिर कहा कि नया सेंसस जाति के आधार पर ही होना चाहिए.