Vikrant Shekhawat : Jul 15, 2020, 02:54 PM
- प्रधानमंत्री ने ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ के अवसर पर युवाओं से कौशल प्राप्त करने, नया कौशल सीखने और कौशल बढ़ाने का आह्वान किया
- ‘कौशल भारत मिशन’ से स्थानीय और विश्व दोनों ही स्तरों पर रोजगार प्राप्त करने के अवसर बढ़ गए हैं: प्रधानमंत्री
- प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुशल कामगारों का विवरण तैयार करने के लिए हाल ही में लॉन्च किए गए पोर्टल से घर लौटे प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य कामगारों को आसानी से नौकरी पाने में मदद मिलेगी’
- प्रधानमंत्री ने देश में बड़ी संख्या में उपलब्ध कुशल कामगारों का उपयोग करने और इनकी बदौलत वैश्विक मांग पूरी करने के मामले में भारत की व्यापक क्षमता पर प्रकाश डाला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व युवा कौशल दिवस और ‘कौशल भारत’ मिशन की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर आज आयोजित डिजिटल स्किल कॉन्क्लेव के लिए अपने संदेश में युवाओं से कौशल प्राप्त करने, नया कौशल सीखने और कौशल बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि तेजी से बदलते कारोबारी माहौल और बाजार स्थितियों में निरंतर प्रासंगिक बने रहना संभव हो सके। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के युवाओं को बधाई दी और कहा कि यह दुनिया सही मायनों में युवाओं की है क्योंकि उनमें सदैव नए कौशल हासिल करने की व्यापक क्षमता होती है।उन्होंने कहा कि इसी दिन पांच साल पहले शुरू किए गए ‘स्किल इंडिया मिशन’ से कौशल प्राप्त करने, नया कौशल सीखने एवं कौशल बढ़ाने के लिए एक विशाल अवसंरचना का निर्माण हुआ है और इसके साथ ही स्थानीय एवं विश्व दोनों ही स्तरों पर रोजगार प्राप्त करने के अवसर बढ़ गए हैं। इसकी बदौलत देश भर में सैकड़ों पीएम कौशल केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं और आईटीआई परिवेश या व्यवस्था की क्षमता काफी बढ़ गई है। इन ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले पांच वर्षों में पांच करोड़ से भी अधिक युवाओं को ‘कुशल’ बना दिया गया है। कुशल कामगारों और नियोक्ताओं का खाका (मैपिंग) या विवरण तैयार करने के लिए हाल ही में लॉन्च किए गए पोर्टल का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे घर लौटे प्रवासी श्रमिकों सहित अन्य कामगारों को आसानी से नौकरी पाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही नियोक्ताओं को भी माउस को क्लिक करते ही कुशल कर्मचारियों से संपर्क करने में काफी आसानी होगी। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों के उत्कृष्ट कौशल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बदलने में भी काफी मदद मिलेगी।प्रधानमंत्री ने कौशल को एक उत्कृष्ट उपहार के रूप में वर्णित किया जिसे हम खुद को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि कौशल दरअसल अनंत, अद्वितीय, अनमोल खजाना और एक साधन है जिसके जरिए न केवल रोजगार पाने लायक बना जा सकता है, बल्कि यह संतोषजनक जीवन जीने में भी मददगार साबित होता है। उन्होंने कहा कि नए कौशल हासिल करने के स्वाभाविक आकर्षण से व्यक्ति के जीवन में नई ऊर्जा उत्पन्न होती है और व्यापक प्रोत्साहन मिलता है। कौशल न केवल आजीविका का साधन है, बल्कि हमारी सामान्य दिनचर्या में स्वयं को जीवंत और ऊर्जावान महसूस करने का एक विशेष गुण या माध्यम भी है।प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘ज्ञान’ और ‘कौशल’ के बीच के अंतर को भी सामने रखा। उन्होंने एक उदाहरण के साथ इसे स्पष्ट किया – यह जानना कि साइकिल कैसे चलती है, यह ‘ज्ञान’ है, जबकि वास्तव में स्वयं साइकिल चला लेना ‘कौशल’ है। युवाओं के लिए दोनों के बीच के अंतर को समझना और उनके विभिन्न संदर्भों एवं निहितार्थों को महसूस करना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने बढ़ई के कामकाज का एक उदाहरण देते हुए स्किलिंग, रिस्किलिंग और अपस्किलिंग के बीच की बारीकियों को समझाया।प्रधानमंत्री ने देश में बड़ी संख्या में उपलब्ध कुशल कामगारों का उपयोग करने के मामले में भारत की व्यापक क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का उदाहरण दिया जहां बड़ी संख्या में उपलब्ध कुशल भारतीय कामगार वैश्विक मांग को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने इस मांग का खाका या विवरण तैयार करने और भारतीय मानकों को अन्य देशों के मानकों के अनुरूप करने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी तरह उन्होंने यह सुझाव दिया कि लंबी समुद्री परंपरा का अनुभव रखने वाले भारतीय युवा इस सेक्टर में बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए विश्व भर में मर्चेंट नेवी में विशेषज्ञ नाविकों के रूप में अहम योगदान कर सकते हैं।हर साल 15 जुलाई को मनाए जाने वाला ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ इस वर्ष वर्चुअल मोड में मनाया गया। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री आर.के. सिंह, और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के ग्रुप चेयरमैन श्री ए.एम.नाइक ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया। लाखों की संख्या में प्रशिक्षुओं के व्यापक नेटवर्क सहित प्रणाली के सभी हितधारकों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।क्या बोले प्रधानमंत्री पढ़ें पूरा भाषणThe world needs skilled hands and we in India have the talent-force to cater to these global needs. #5YearsofSkillIndia pic.twitter.com/V94f48UqU6
— Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2020
नमस्कार!नमस्कार मेरे युवा साथियों कोWorld Youth Skill Day की आप सभी नौजवानों को बहुत- बहुत शुभकामनाएं।आज का ये दिन आपकी skill को, आपके कौशल को समर्पित है।21वीं सदी के युवाओं की, आज के Millenials की अगर सबसे बड़ी कोई ताकत है, तो उनकी Skill है,उनकी Skill acquire करने की क्षमता है।
साथियों,कोरोना के इस संकट ने World- Culture के साथ ही Nature of Job को भी बदलकर के रख दिया है।और बदलती हुई नित्य नूतन Technology ने भी उस पर प्रभाव पैदा किया है। नए Work- Culture और नए Nature of Job को देखते हुए, हमारे युवा नई-नई Skills को तेजी से अपना रहे हैं।वैसे साथियों, कई लोग मुझसे पूछते हैं, कि आज के दौर में बिज़नेस और बाज़ार इतनी तेजी से बदलते हैं कि समझ ही नहीं आता Relevant कैसे रहा जाए। कोरोना के इस समय में तो ये सवाल और भी अहम हो गया है।
साथियों,मैं इसका एक ही जवाब देता हूं। Relevant रहने का मंत्र है- Skill, Re- Skill और Upskill. Skill का अर्थ है, आप कोई नया हुनर सीखें। जैसे कि आपने लकड़ी के एक टुकड़े से कुर्सी बनाना सीखा, तो ये आपका हुनर हुआ। आपने लकड़ी के उस टुकड़े की कीमत भी बढ़ा दी। Value Addition किया। लेकिन ये कीमत बनी रहे, इसके लिए नए डिज़ाइन, नयी स्टाइल, यानी रोज़ कुछ नया जोड़ना पड़ता है। उसके लिए नया सीखते रहना पड़ता है। और कुछ नया सीखते रहने का मतलब, ये है Re- Skill. और हमारी जो skill है, उसका और विस्तार करना, जैसे छोटे-मोटे फर्नीचर बनाते- बनाते आप और भी चीजें सीखते गए, पूरा का पूरा ऑफिस डिज़ाइन करने लगे, तो वो हो गया Up skill. Skill, Re- skill और Upskill का ये मंत्र जानना, समझना,और इसका पालन करना, हम सभी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है।वैसे जब मैं Skill की बात करता हूं तो मुझे अपने एक बहुत पुराने जानने वाले हमेशा याद आते हैं। मेरा सीधा परिचय तो नहीं था, लेकिन हमारे एक जानने वाले सज्जन बताते रहते थे। वो उनके किसी परिचित के विषय में बताते थे।वो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन उनकी Hand- Writing बहुत अच्छी थी। समय के साथ उन्होंने अपनी Hand- Writing में और भी नए स्टाइल जोड़ लिए।यानी खुद को Reskill किया। उनकी ये skill देखकर, लोग खुद उनके पास पहुंचने लगे। लोग उनसे कहते थे कि हमारे यहां यह Special Occasion है, तो Invitation Card पर नाम वगैरह का काम आप कीजिए। बाद में उन्होंने खुद को Re- Skill किया, Upskill किया। उन्होंने कई और लैंग्वेज में लिखना शुरू किया, कुछ और Language सीखीं। और इस तरह से, एक प्रकार से उनका कारोबार बढ़ गया। बैठे-बिठाए लोग उनके पास काम लेकर के आने लगे। शौक से पनपा हुआ एक हुनर, रोजी रोटी का और सम्मान का भी एक माध्यम बन गया।Friends.Skill is something which we gift to ourselves, which grows with experience. Skill is timeless, it keeps getting better with time. Skill is unique, it makes you different from others. Skill is a treasure that nobody can take away. And, skill is self- reliance, it not only makes one employable but also self- employable. Skill की ये ताकत जो है, इंसान को कहां से कहां पहुंचा सकती है।साथियों,एक सफल व्यक्ति की बहुत बड़ी निशानी होती है कि वो अपनी स्किल बढ़ाने का कोई भी मौका जाने ना दे। इतना ही नहीं, मौका ढूँढता रहे।Skill के प्रति अगर आप में आकर्षण नहीं है, कुछ नया सीखने की ललक नहीं है तो जीवन ठहर जाता है। एक रुकावट सी महसूस होती है। एक प्रकार से वो व्यक्ति अपने व्यक्तित्व को, अपनी Personality को ही बोझ बना लेता है। और खुद के लिए नहीं, अपने स्वजनों के लिए भी बोझ बन जाता है।वहीं skill के प्रति आकर्षण, जीने की ताकत देता है, जीने का उत्साह देता है। Skill सिर्फ रोजी- रोटी और पैसे कमाने का जरिया नहीं है। जिंदगी में उमंग चाहिए, उत्साह चाहिए, जीने की जिद चाहिए, तो skill हमारी driving force बनती है, हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आती है। ऊर्जा का काम करती है। और उम्र कोई भी हो, चाहे युवावस्था हो या बुजुर्ग, अगर आप नई-नई skills सीख रहे हैं, तो जीवन के प्रति उत्साह कभी कम नहीं होगा।साथियों,skill क्या ताकत होती है, इससे जुड़ा हर किसी का कुछ ना कुछ अनुभव होगा। मुझे भी आज, जब आपसे बात कर रहा हूं, तो एक पुरानी घटना याद आती है। और ये तब की बात है, जब मैं युवावस्था में tribal belt में एक volunteer के रूप में काम करता था।और कुछ संस्थाओं के साथ मिलकर के मैं काम कर लेता था। तो एक बार, एक संस्था के साथ, उनके लोगों के साथ कहीं बाहर जाना था, तो उनकी जीप में हम सब जाने वाले थे। लेकिन वो जीप सुबह जब निकलना था, उसी समय चली नहीं। अब उन जंगलों में भटकते- भटकते, वो जीप भी ऐसी ही थी। अब सब लोग लगे, काफी कुछ कोशिश की, धक्के मारे, सब किया, लेकिन गाड़ी चली नहीं। आगे जब 7-8 बज गए तो किसी एक मैकेनिक को बुला लिया। उसने आकर के कुछ इधर-उधर किया और 2 मिनट में तो ठीक कर दिया। फिर उसको पूछा, कितने पैसे तो बोला 20 रुपये। उस जमाने में 20 रुपये की कीमत बहुत होती थी। लेकिन हमारे एक साथी ने कहा, अरे यार 2 मिनट का काम और तुम 20 रुपये मांग रहे हो। उसका जवाब मुझे आज भी प्रेरणा देता है, मेरे मन में प्रभाव पैदा करता है। उस अनपढ़ मैकेनिक ने कहा, साहब मैं 2 मिनट का 20 रुपये नहीं ले रहा, 20 साल से काम करते-करते मैंने, जो Skill मेरे में आया है, जो अनुभव जुटाया है, ये 20 रुपया उसका है। मैं समझता हूं, ये ही होती है skill की ताकत।Skill आपके काम की ही नहीं, आपकी भी प्रतिभा को, प्रभाव को, प्रेरक बना देती है।और साथियों,यहां एक और चीज समझनी बहुत जरूरी है। कुछ लोग knowledge और skill को लेकर के हमेशा confusion में रहते हैं, या confusion पैदा करते हैं। ऐसे लोगों को मैं हमेशा छोटा सा उदाहरण देता हूं। आप books में पढ़ सकते हैं, You Tube पर वीडियो देख सकते हैं कि साइकिल कैसे चलाई जाती है। साइकिल पर कैसे बैठना है, साइकिल कैसी होती है, कौन सा पुर्जा क्या काम करता है, कहां हैंडल पकड़ना है, कहां ब्रेक लगाना है, सब उसमें, आपको वीडियो में भी दिखेगा। यह सब knowledge है। आपको knowledge है इसलिए आप साइकिल चला जाएंगे, ऐसी गारंटी नहीं है।लेकिन वास्तव में, actually में जब साइकिल चलाना होता है, तो skill की जरूरत पड़ती है। आपको ही खुद को धीरे-धीरे आ जाता है। और फिर आप अपनी मस्ती में भी साइकिल चलाते हैं। चलते रहते हैं, कोई तकलीफ़ नहीं होती है। जैसे-जैसे आपने इस कला को सीख लिया, टैलेंट आ गई, आपको कभी दिमाग खपाना भी नहीं पड़ता।और इस फर्क को समझना शासन से लेकर समाज के हर स्तर पर बहुत जरूरी होता है। आज भारत में knowledge और skill, दोनों में जो अंतर है, उसे समझते हुए ही काम हो रहा है। आज से 5 साल पहले, आज के ही दिन Skill India Mission इसी सोच के साथ शुरू किया गया था। इसका मकसद यही था कि youth को knowledge के साथ skill भी मिले, कौशल भी मिले। इसके लिए देशभर में सैकड़ों प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोले गए। ITIs की संख्या बढ़ाई गई, उसमें लाखों नई seats जोड़ी गई। इस दौरान 5 करोड़ से ज्यादा लोगों का skill development किया जा चुका है। और यह अभियान निरंतर जारी है।साथियों,तेजी से बदलती हुई आज की दुनिया में अनेक सेक्टरों में लाखों skilled लोगों की जरूरत है। विशेषकर स्वास्थ्य सेवाओं में तो बहुत बड़ी संभावनाएं बन रही हैं। यही समझते हुए अब कौशल विकास मंत्रालय ने दुनिया भर में बन रहे इन अवसरों की मैपिंग शुरू की है। कोशिश यही है कि भारत के युवा को अन्य देशों की जरूरतों के बारे में, उसके संबंध में भी सही और सटीक जानकारी मिल सके। किस देश में, हेल्थ सर्विस में नए द्वार खुल रहे हैं। किस देश में, कौन से सर्विस सेक्टर में, क्या डिमांड बन रही है, इससे जुड़ी जानकारी अब तेजी से भारत के युवाओं को मिल सकेगी।अब जैसे मर्चेंट नेवी का उदाहरण लें तो भारत समेत पूरी दुनिया को सेलर्स की बहुत जरूरत है। हमारी तो साढे सात हजार किलोमीटर से लंबी कोस्ट लाइन है। बड़ी संख्या में हमारा youth समुद्र और तटीय परिस्थितियों से परिचित है। अगर इस क्षेत्र में स्किल को बढ़ाने पर काम किया जाए तो दुनिया भर को हम लाखों expert सेलर्स दे सकते हैं, और अपने देश की कोस्टल इकोनॉमी को भी मजबूत कर सकते हैं।मैपिंग की वजह से अब इस तरह की जानकारियां देने का काम और आसान हो जाएगा। इसके अलावा चार-पांच दिन पहले देश में श्रमिकों की स्किल मैपिंग का एक पोर्टल भी शुरू किया गया है। यह पोर्टल स्किल्ड लोगों को, स्किल्ड श्रमिकों की मैपिंग करने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे Employers एक click में ही स्किल्ड मैप वाले वर्कर्स तक पहुंच पाएंगे। ख़ासकर जो श्रमिक, हाल फिलहाल में शहरों से अपने गांवों में गए हैं, उन्हें बहुत मदद मिल पाएगी। आपने इधर बीच भी देखा होगा कि कैसे एक खास Skill set के साथ गांव पहुंचे लोगों ने, गांव का कायाकल्प करना शुरू कर दिया है। कोई स्कूल को पेंट कर रहा है, तो कोई नई डिजाइन के घर बनवा रहा है। छोटी-बड़ी हर तरह की ऐसी ही Skill, आत्मनिर्भर भारत की भी बहुत बड़ी शक्ति बनेगी।मैं देश के युवाओं को, world youth skill day पर एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।और वैश्विक महामारी का युग है, तो मेरा भी कर्तव्य बनता है। एक बार मैं, बार-बार एक चीज को दोहराता ही रहूं। और सिर्फ मैं ना दोहराऊं, आप भी दोहराइये। और वह क्या है? पहले तो मैं चाहूंगा आप स्वस्थ रहिए। दूसरा 2 गज की दूरी का पालन करते रहिए, मास्क पहनना ना भूलें, थकने की आदत सब को छोड़ने के लिए समझाते रहिए। और जिस काम के लिए आज इकट्ठे हुए हैं, उस मंत्र को हमेशा याद रखें। कितना ही पढ़े-लिखे क्यों ना हों, कितनी ही डिग्रियां क्यों ना हो, फिर भी निरंतर स्किल भी बढ़ाते रहना चाहिए। लगातार नई नई स्किल के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए। जिंदगी जीने का आनंद आएगा। जिंदगी के नए अवसरों को पाने का आनंद आएगा। और मुझे विश्वास है कि आप अपने हाथों की ताक़त, अपने उंगलियों की ताक़त, अपने दिल दिमाग की ताकत, एक हुनर के द्वारा पनपाएंगे और बढ़ाएंगे। और खुद की प्रगति करेंगे, देश की भी प्रगति करेंगे।बहुत-बहुत धन्यवाद।आपको बहुत शुभकामनाएं।