Gajendra Singh Rathore : Sep 17, 2024, 07:40 AM
Kamdhenu Bima Yojana : राजस्थान में वर्तमान में पशु बीमा के लिए कोई योजना प्रभावी नहीं, चूरू जिले के 1.53 लाख पशुपालक परेशानराजस्थान प्रदेश में पशुपालकों के पशुओं के लिए किसी भी तरह का बीमा कवच नहीं है, क्योंकि वर्तमान में कोई भी पशु बीमा योजना प्रभावी नहीं है। इस कारण चूरू जिले के 1.53लाख पशुपालक परेशान हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसे लेकर पशुपालन विभाग के अधिकारियों के पास कोई जानकारी नहीं है।विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बजट घोषणा में एक बिंदु दिया गया था कि मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत पशुओं को बीमा किया जाएगा तथा इसके अलावा उन्हें इस योजना की कोई जानकारी नहीं है कि कितने पशुओं का बीमा किया जाएगा, क्या प्रक्रिया रहेगी, कितने का बीमा होगा। दूसरी ओर पिछली सरकार की तरफ से दुधारू पशुओं के लिए शुरू की गई कामधेनु पशु बीमा योजना भी अब बंद कर दी गई। दो साल पहले जिले में बड़ी संख्या में दुधारू पशु लंपी बीमारी की चपेट मैं आ गए थे। ऐसे में पशुपालक अब मंगला पशु बीमा योजना से आस लगाए बैठे हैं।
कामधेनु में 2.70 लाख पशुओं का हुआ था रजिस्ट्रेशनचूरू जिले के पशुपालकों ने लाभार्थी उत्सव तथा महंगाई राहत शिविरों में 2.70 लाख दुधारू पशुओं का बीमा करवाने के लिए कामधेनु योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसके बाद दूध देने की क्षमता के अनुसार बीमा होना था। इसके बाद पशु चिकित्सकों की हड़ताल, आचार संहिता और सरकार बदलने की वजह से इस योजना का क्रियान्वयन नहीं हो पाया। नई सरकार ने इसे बंद कर नाम बदल दिया लेकिन इसे लेकर कोई दिशा-निर्देश अभी जारी नहीं किए। इस कारण पशुपालक परेशान हैं, क्योंकि वर्तमान में पशु बीमा के लिए कोई योजना प्रभावी नहीं है।
कामधेनु में 2.70 लाख पशुओं का हुआ था रजिस्ट्रेशनचूरू जिले के पशुपालकों ने लाभार्थी उत्सव तथा महंगाई राहत शिविरों में 2.70 लाख दुधारू पशुओं का बीमा करवाने के लिए कामधेनु योजना में रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसके बाद दूध देने की क्षमता के अनुसार बीमा होना था। इसके बाद पशु चिकित्सकों की हड़ताल, आचार संहिता और सरकार बदलने की वजह से इस योजना का क्रियान्वयन नहीं हो पाया। नई सरकार ने इसे बंद कर नाम बदल दिया लेकिन इसे लेकर कोई दिशा-निर्देश अभी जारी नहीं किए। इस कारण पशुपालक परेशान हैं, क्योंकि वर्तमान में पशु बीमा के लिए कोई योजना प्रभावी नहीं है।